- पूर्व मुख्य सचिव वीरा राणा का माना जाता है बेहद करीबी

गौरव चौहान
एक सौरभ के बाद दूसरा सौरभ भी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गया है। पहले सौरभ शर्मा के यहां आयकर विभाग ने छापा डाला था , तो अब सौरभ अग्रवाल के ठिकानों पर छापा मारा गया है। दोनों के नामों की समानता के साथ ही खासियत यह है कि इन दोनों को प्रदेश की नौकरशाही का करीबी माना जाता है। आयकर की टीम ने अब जिस सौरभ अग्रवाल के यहां छापा मारा है, उसे पूर्व मुख्य सचिव वीरा राणा का बेहद करीबी माना जाता है। प्रारंभिक रुप से हुई जांच में ही करोड़ों की टैक्स चोरी और संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। सौरभ अग्रवाल का कई बड़े आईएएस और आईपीएस अफसरों से गठजोड़ का भी इस दौरान खुलासा हुआ है। हालांकि इस गठजोड़ में कौन -कौन से अफसर शामिल हैं, इन नामों का अभी तक आयकर विभाग ने खुलासा नहीं किया है। अग्रवाल के गोल्डन सिटी निवास और चूनाभट्टी स्थित अल्फा कम्युनिकेशन व परफेक्ट सॉल्यूशंस पर जांच जारी है। आयकर विभाग को संदेह है कि यह आय से अधिक संपत्ति का मामला हो सकता है। आयकर अधिकारियों को शक है कि सौरभ अग्रवाल ने बड़े स्तर पर कर चोरी की है। उनके गोल्डन सिटी स्थित निवास, चूनाभट्टी के कार्यालय और अन्य प्रतिष्ठानों पर छापे मारे गए। इस दौरान कई अहम दस्तावेज, नकदी और संपत्तियों से जुड़े रिकॉर्ड की जांच जारी है। दरअसल माना जाता है कि वह राजधानी में पदस्थ कई आईपीएस अफसरों के लिए भी काम करता है। इनमें एक महिला अफसर भी शामिल है, जो इन दिनों भोपाल में पदस्थ है।
एक सौरभ से चार मंत्री परेशान
पहले जिस सौरभ के यहां छापा डाला था, उसकी वजह से पूर्व से लेकर वर्तमान तक चार मंत्री परेशान हैं। इसकी वजह है उनके ही कार्यकाल में ही परिवहन विभाग का पूरा घोटाला हुआ था। यही नहीं उसके मामले में भी कई अफसर पूरी तरह से संदेह के घेरे में बने हुए हैं। इसकी वजह है उसका परिवहन विभाग में एक छत्र राज होना। उसकी मर्जी के बगैर परिवहन विभाग में पत्ता भी नहीं हिलता था। यही वजह है कि उसने चंद सालों में अरबों की संपत्ति कमा डाली थी। फिलहाल सौरभ और उसके दो सहयोगी इस समय जेल में हैं। उनसे हाल ही में लोकायुक्त , ईडी और आयकर विभाग की टीमें लंबी पूछताछ कर चुकी हैं। इस मामले में भी कई आईपीएस और आईएएस अफसर भी जांच के दायरे में बने हुए हैं। अगर जांच आगे बढ़ती है तो कई अफसरों के साथ पूर्व और वर्तमान मंत्रियों की भी मुशिकलें बढ़ना तय मानी जा रही है। उसके ठिकानों से पुलिस को एक डायरी भी मिली थी , जिसमें हर माह होने वाली काली कमाई का पूरा ब्यौरा भी दर्ज है। उसमें नामों को कोड वर्ड में लिखा गया है। फिलहाल इस मामले में सौरभ के परिजनों और उसके रिश्तेदारों से भी जांच टीमों द्वारा बुलाकर पूछताछ की जा चुकी है।
अब इस सौरभ पर भी नजर
शर्मा के बाद अग्रवाल के ठिकानों से मिले दस्तावेज की खबरों से नौकरशाही एक बार फिर से हलकान की स्थिति में पहुंच गई है। जिन अफसरों के उससे संबध है, वे अब उससे संबधित खबरों पर नजर बनाए हुए हैं। इसकी वजह है कि अगर उनके निवेश संबधी सबूत हाथ लगते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़ना तय है।
दस्तावेजों की जांच कर रहे अधिकारी
आयकर विभाग की जांच में करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्तियों और हेर-फेर की गई रकम का पता चला है। अधिकारियों को अल्फा कम्युनिकेशन और परफेक्ट सॉल्यूशंस के नाम से कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं। जांच में करोड़ों रुपए की कर चोरी की संभावना जताई जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि सौरभ अग्रवाल कई बड़े अधिकारियों की अघोषित आय का उपयोग अपने व्यवसाय में कर रहा था।
अफसरों और नेताओं से मजबूत कनेक्शन
सूत्रों के मुताबिक, सौरभ अग्रवाल के कई बड़े नेताओं और अफसरों से करीबी संबंध हैं। आयकर विभाग को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो बताते हैं कि वह इन अधिकारियों के लिए वित्तीय हेराफेरी में शामिल था। जांच टीम अभी इन दस्तावेजों की सत्यता की जांच की जा रही है।
कर चोरी की जांच जारी
सौरभ अग्रवाल के यहां आयकर विभाग के अफसरों की टीम ने दबिश दी है। सौरभ के चूनाभट्टी इलाके में अल्फा परफेक्ट सॉल्यूशन और अन्य ठिकानों पर जांच में करोड़ों रूपए की कर चोरी की संभावना जताई जा रही है। जांच टीम सौरभ के कर्मचारियों से भी दस्तावेजों की पड़ताल के लिए पूछताछ कर रही है।