आरजीपीवी में हो रहे कदाचार से नाराज हैं आनंदीबेन

आरजीपीवी

-कुलपति सुनील कुमार गुप्ता ने अब तक नहीं दिया नोटिस का जवाब

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अगले माह रिक्त हो रहे कुलपति पद पर नई नियुक्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत बीते रोज एक दर्जन शिक्षाविदों ने सर्च कमेटी को विश्वविद्यालय के विकास और शिक्षा की गुणवत्ता की योजनाओं की जानकारी दी। साक्षात्कार के बाद कमेटी ने योग्य उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर राजभवन को सौंप दिया है। अब इस मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को करना है। इस पद के के लिए प्रदेश के अलावा कुछ दूसरे प्रदेशों के दावेदारों को भी साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। गौरतलब है कि वर्तमान कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता का कार्यकाल अब एक माह बचा हुआ है। खास बात यह है कि महामहिम आनंदी बेन इन दिनों गुप्ता द्वारा किए गए कदाचार के मामले में बेहद नाराज हैं। खास बात यह है कि एक ऐसे ही मामले में राजभवन द्वारा जबाब तलब करने के मामले में अब तक गुप्ता ने जबाब तक नहीं दिया है।  खास बात यह है कि आरजीपीवी कुलपति के लिए उमीदवार के पास सिर्फ इंजीनियरिंग की डिग्री होना अनिवार्य है। इसकी वजह से अन्य इससे संबधित विषयों की डिग्री लेने वाले प्रोफेसर कुलपति पद की दौड़ से स्वत: ही बाहर हो गए।  इस पद के लिए कुल 55 उमीदवारों के आवेदन मिले थे , जिनका परीक्षण करने के बाद सर्च कमेटी ने करीब
एक दर्जन उम्मीदवारों का बीते रोज ऑनलाइन साक्षात्कार लिया। इस सर्च कमेटी में रानी दुर्गावति विवि के कुलपति कपिल देव मिश्र, आईआईटी रुड़की से एके चतुर्वेदी और लखनऊ प्रौद्योगिकी विवि के विनय पाठक को रखा गया है। साक्षात्कार के दौरान कमेटी के सदस्यों ने एक-एक उम्मीदवार से कई सवाल पूंछे।  इस दौरान उम्मीदवारों से पूछा गया कि वे विवि को भविष्य में कैसे आगे ले जा सकते हैं।  शिक्षा की गुणवत्ता में कैसे सुधार कर हर साल गिर रही प्रवेश की स्थिति को कैसे सुधार सकते हैं। माना जा रहा है कि वर्तमान कुलपति डॉ सुनील कुमार गुप्ता का कार्यकाल 21 जून को समाप्त होने के पहले ही राजभवन द्वारा नए कुलपति का नाम तय किया जा सकता है। इस बार कुलपति पद के दावेदारों में आरजीपीवी और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) से आधा दर्जन बायोडाटा राजभवन पहुंचे थे , जिनमें से कुछ को साक्षात्कार के लिए भी बुलाया गया। इसके अलावा एक -दो दूसरे राज्यों के दावेदारों को भी साक्षात्कार में शामिल किया गया है।
आरजीपीवी रजिस्ट्रार को माना अयोग्य
 आरजीपीवी के कुलपति पद के लिए आवेदन करने वालों में आरजीपीवी के मौजूदा रजिस्ट्रार आरएस राजपूत ने भी आवेदन किया था, लेकिन सर्च कमेटी ने उन्हें साक्षात्कार के योग्य भी नहीं माना। इसकी वजह से उन्हें साक्षात्कार के लिए ही नहीं बुलाया गया। इस नियुक्ति के लिए एनसीटीई की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है, जिसकी वजह से कुलपति उम्मीदवार के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री अनिवार्य की गई है। गाइडलाइन के मुताबिक कुलपति पद के लिए दस साल का  शैक्षणिक अनुभव अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा उम्मीदवार के खिलाफ लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू या अन्य किसी एजेंसी में मामला दर्ज नहीं होना चाहिए। इस संबंध में आवेदकों से शपथ पत्र लिया गया है।

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