तीन शहर साबित हो रहे अमृत योजना में फिसड्डी

अमृत योजना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के तीन शहर अमृत योजना में फिसड्डी साबित हो रहे हैं, जिसकी वजह से प्रदेश की केन्द्र में बदनामी हो रही है। यही नहीं प्रदेश में इस योजना के तहत चल रहे तमाम काम भी समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। यही वजह है कि इन कामों की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार को एक आला अफसर को समीक्षा के लिए भेजना पड़ा है। हद तो यह है कि समीक्षा के दौरान जब केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास विभाग के सचिव मनोज जोशी ने अमृत एक योजना के सभी काम की समय सीमा 31 मार्च तय की तो प्रदेश के संबंधित अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए। यही नहीं प्रदेश के अफसरों ने उन्हें बताया कि रीवा सतना और सिंगरौली में 600 से 700 करोड़ के प्रोजेक्ट समय सीमा में नहीं हो पाएंगे। इसके पीछे वजह बताई कि इन शहरों में चयनित एजेंसी से करार खत्म करना पड़ा था। फिर दूसरी निर्माण एजेंसी को काम दिया। इस कारण देरी हो रही है। केंद्रीय सचिव ने कहा कि प्रदेश के बड़े शहर में स्वच्छता में अच्छा कर रहे हैं। छोटे निकायों पर ध्यान देने की जरूरत है। वहां के लिए अलग प्लान बनाएं। साथ ही सिटी फायनेंशियल रैंकिंग और सिटी ब्यूटिफिकेशन कैंपेन की तैयारी में जुटने के लिए कहा। फायनेंशियल रैंकिंग में केंद्र की ओर से तय कुछ सुधार करना होंगे। इसके आधार पर वहां से राशि जारी की जाएगी।
मेट्रो की लागत में न हो वृद्धि
केंद्रीय सचिव से कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट्स की राशि में बढ़ोतरी न हो। इसके लिए तय समय पर काम पूरे किए जाएं। साथ ही शहर के आखिरी छोर तक कनेक्टिविटि के लिए ई रिक्शा व अन्य माध्यमों को मेट्रो स्टेशनों से जोड़ने के लिए कहा। उन्होंने टाउन प्लानिंग स्कीम का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। भारत सरकार की योजनाओं को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को योजनाओं के क्रियान्वयन से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, हॉस्पिटल आदि के समीप आश्रय स्थल का निर्माण करने और प्रधानमंत्री आवास योजना के एएचपी घटक अन्तर्गत आवास आवंटित करने के लिए कहा। अमृत में जीएसटी का अंतर देने और दो स्मार्ट सिटी का कार्यकाल बढ़ाने का किया आग्रह नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और नगरीय प्रशासन कमिश्नर भरत यादव ने अमृत व स्मार्ट सिटी योजनाओं की व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में बताया। कहा कि अमृत के पहले चरण में जीएसटी 12 प्रतिशत था। यह दूसरे फेज में 18 फीसदी हो गया है। साथ ही बताया कि योजना में कई टेंडर ऊंचे रेट पर आते हैं। ऐसे में इनके लिए अंतर राशि मुहैया कराने का आग्रह किया। यह भी जानकारी दी कि सतना और ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पीछे चल रहे हैं। इनका कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध किया। नगरीय प्रशासन कमिश्नर ने अमृत, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी, पीएम स्वनिधि एवं डे एनयूएलएम, ई नगरपालिका का प्रेजेंटेशन दिया। टीएंडसीपी के डायरेक्टर एमसी गुप्ता ने आयुक्त ने टाउन प्लानिंग स्कीम, टीडीआर, प्लानिंग रिफॉर्म की जानकारी दी। मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो परियोजना की प्रगति के बारे में बताया।

Related Articles