सुविधाओं की तैयारी के बीच अफसरों के कार्य विभाजन का खाका तैयार

पुलिस कमिश्नर प्रणाली

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी//बिच्छू डॉट कॉम। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में किस पुलिस अफसर को क्या अधिकार होंगे इसके लिए खाका तैयार कर लिया गया है। इस बीच अफसरों के लिए नए सिरे से जगहों की तलाश कर सुनवाई के लिए डायस लगाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। दरअसल पुलिस अफसरों के पास अब इस प्रणाली के लागू होने के बाद एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए जाने हैं। इनमें से कौन से अधिकार किस स्तर के अफसरों को दिए जाएं इस पर विचार कर उसका खाका खींचा गया है। इस खाका को परीक्षण कर एक दो दिन में लागू कर दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि पुलिस के डिप्टी कमिश्नर आॅफ पुलिस को जिला बदर करने के अधिकार दिए जाने की तैयारी है, जबकि एडिशनल डीसीपी को धारा 110 के तहत सुनवाई के अधिकार दिए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि राजधानी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद जारी पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण का काम पूरा होने के बाद जैसे ही उनके  दफ्तरों की शिफ्टिंग हो जाएगी , अफसरों के अधिकारों का कार्य विभाजन कर दिया जाएगा। इसके तहत धारा 108 जिला बदर की कार्यवाही डीसीपी व उसके ऊपर के अधिकारी को दिए जाएंगे। इसी तरह से अब प्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद अब जिला अधिकारी, एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार पुलिस अधिकारियों को मिल गए हैं।  वहीं पुलिस को होटल, बार लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी होगा। साथ ही धरना प्रदर्शन की अनुमति भी पुलिस दे सकेगी। दंगे के दौरान लाठी चार्ज या कितना बल प्रयोग का निर्णय भी सीधे पुलिस अफसरों द्वारा ही लिए जाएंगे।
की जाएगी थानों की गफलत दूर
पुलिस कमिश्नर प्रणाली के अंतर्गत राजधानी के 38 थानों को शामिल किया गया है। इसमें कुछ थानों को लेकर अभी भी गफलत है। एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (एडीपीसौर जोन-4 को निशातपुरा व बैरागढ़ सब डिवीजन के साथ चूनाभट्टी सब डिवीजन में कोलार दिए गए है। बैरागढ़ व चूनाभट्टी की दूरी करीब 26 किमी है। हबीबगंज सब डिवीजन में शाहपुरा के साथ अशोका गार्डन को शामिल किया गया है। हबीबगंज व अशोका गार्डन के बीच में एमपी नगर थाना है। जबकि एमपी नगर सब डिवीजन में एमपी नगर, अरेरा हिल्स व अयोध्या नगर थाने को शामिल किया गया है। जबकि एमपी नगर व अयोध्या नगर के बीच में गोविंदपुरा थाना है। इन थानों के बीच की दूरी इतनी अधिक है कि एक साथ कोई घटना होने पर अफसरों का पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। इसकी वजह से ही अब थानों को लेकर चल रही इस गफलत को भी जल्द दुरुस्त करने की तैयारी की जा रही है।  

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