स्टार्टअप का कमाल, कई तरह के स्वादों की बनाई शहद

शहद

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आप जो शहद खाते हैं, वह मीठी ही होती है, लेकिन प्रदेश के युवाओं ने इसके उत्पादन में नवाचार करते हुए स्टार्टअप के माध्यम से उसका कई फ्लेवर में उत्पादन शुरु किया है, जो बेहद लोकप्रिय हो रही है। इसकी वजह है उसके कई तरह के प्राकृतिक रुप से तैयार किए गए स्वाद। अब इस स्टार्टअप से मिलने वाली शहद में आप को तुलसी, अजवायन, सरसों सहित दस तरह के स्वाद मिलते हैं। अहम बात यह है कि इसकी क्वालिटी उच्च गुणवत्ता वाली है। दरअसल इस स्टार्टअप की शुरुआत करीब दो साल पहले इंदौर के तोसन कुमार, श्रुति धाकड़ और जबलपुर के पंकज पटेल ने 5 लाख रुपए खर्च कर की थी। वे एक-दो नहीं, पूरे 10 फ्लेवर में शहद बनाते हैं। यह पूरी तरह नेचुरल होता है। उन्होंने भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रजेंटेशन भी दिखाया। अब दुबई में शहद का एक्सपोर्ट करेंगे।
खास बात ये है कि मधुमक्खी पालन के लिए वे किराये पर जमीन लेते हैं। 24 साल के तोसन आईआईटी में मास्टर डिग्री कर रहे हैं, जबकि 25 साल की श्रुति एमएसडब्ल्यू कर चुकी हैं। दोनों ही भोपाल से हैं और बुआ-मामा के बेटा-बेटी हैं। वहीं, 38 साल के पंकज जबलपुर के पास गोटेगांव के रहने वाले हैं। तीनों ही आपस में रिश्तेदार हैं। करीब दो साल पहले उन्हें शहद के बिजनेस का आइडिया आया। इसके बाद उन्होंने कंपनी बनाई और अलग-अलग फ्लेवर का शहद बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। वे अब हर माह करीब 250 किलो शहद का उत्पादन कर रहे हैं। उनकी शहद में तुलसी, अजवायन, सरसों, मल्टी फ्लोरा, धनिया जैसे 10 फ्लेवर हैं। वे  वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन करते हैं। फसल के हिसाब से बी बॉक्स लगाते हैं। बी बॉक्स मधुमक्खी पालन के लिए इस्तेमाल होने वाला बॉक्स होता है। छत्ते से शहद के अलावा वैक्स और जैली भी निकलती है लेकिन किसान निकाल नहीं पाते हैं, क्योंकि ट्रेनिंग और मार्केट का उन्हें पता ही नहीं होता है। फिलहाल इस स्टार्टअप में अभी फिलहाल प्रीमियम क्वालिटी का शहद ही बना रहे हैं, जिससे अधिक मुनाफा नहीं हो रहा है। इसकी वजह है, जमीन के रेंट, मजदूरी और सप्लाई सिस्टम में ज्यादा खर्च हो रहा है।
एमएसएमई का प्रजेंटेशन एक्सपोर्ट पर फोकस
भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 25 फरवरी को श्रुति और टीम ने मध्यप्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग  को प्रजेंटेशन भी दिया। श्रुति ने बताया- पूरा फोकस एक्सपोर्ट पर है। अधिकारियों से डॉक्युमेंट्स, शहद की क्वालिटी आदि को लेकर चर्चा की है। उम्मीद है कि सरकार बड़ा प्लेटफार्म देगी और एक्सपोर्ट में मदद करेगी।
लोकेशन और मौसम का कितना महत्व
शहद के बिजनेस के लिए लोकेशन और मौसम बहुत मायने रखता है। एक मधुमक्खी तीन से चार किलोमीटर तक जाती है। आप जहां भी बॉक्स लगाएंगे, वहां इतने दायरे में प्रॉपर हरियाली होनी चाहिए। कम से कम 5 किलोमीटर की रेंज में फूल वाले पौधे भरपूर मात्रा में होने चाहिए। जिस तरह के प्लांट्स होंगे, उसी फ्लेवर का शहद बनेगा और क्वालिटी भी उसके हिसाब से ही होगी।
खुद की कंपनी बनाई, ऑनलाइन बिक्री
श्रुति ने बताया- बिजनेस की शुरुआत के बाद खुद की कंपनी बनाई ताकि ऑनलाइन बिक्री भी की जा सके। कंपनी को नाम दिया श्रुपनील। इसी ब्रांड से अब ऑनलाइन सप्लाई कर रहे हैं। टीम में पूजा पटेल, नरेंद्र धाकड़, राहुल पटेल, नीलू धाकड़ भी शामिल हैं। फिलहाल, मुरैना में 3 एकड़ जमीन पर मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। यहां पर सरसों की अच्छी फसल रही है। अब यह बिजनेस गुना में शिफ्ट करेंगे। टीम के फाउंडर और मेंबर हर रोज मॉनिटरिंग करते हैं।

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