अमरवाड़ा उपचुनाव: कांग्रेस को एक अदद प्रत्याशी की तलाश

कांग्रेस
  • भाजपा व गोंडवाना के नेताओं पर डाल रही है डोरे

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है , लेकिन अब तक कांग्रेस प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर सकी है। भाजपा ने कांग्रेस से दलबदल कर आए कमलेश शाह को न केवल अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, बल्कि चुनावी तैयारी भी शुरु कर दी है। इसके उलट कांग्रेस अभी एक अदद जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में ही उलझी हुई है। दरअसल कांग्रेस ने कमलेश शाह के के उत्तराधिकारी के लिए किसी कार्यकर्ता को तैयार ही नहीं किया है, फलस्वरूप उसके पास ऐसा कोई नेता ही नहीं है, जिस पर उपचुनाव में बतौर प्रत्याशी दांव लगाया जा सके। इसकी वजह से अब उसकी नजर दूसरे दलों के नेताओं पर लगी हुई है। यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं द्वारा दो चुनाव लड़ चुके दूसरे दलों के नेताओं पर छोरे डालने का काम किया जा रहा है। इसमें भी एक बड़ा पेंच कांग्रेस नेताओं के सामने दलबदल को मुद्दा बनाने का फंस रहा है। ऐसें में उपचुनाव में दलबदल को मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने का दम ने की कवायद की हवा निकलना तय है। कांग्रेस के रणनीतिकारों द्वारा प्रत्याशी बनने के लिए भाजपा और गोंडवाना के पूर्व प्रत्याशियों से संपर्क किया जा रहा है। यह बात अलग है कि दोनों दलों के नेता कांग्रेस नेताओं को कोई तबज्जों नही दे रहे हैं। यह सीट कांग्रेस के तीन बार के विधायक कमलेश शाह द्वारा लोकसभा चुनाव के समय किए गए दलबदल के कारण खाली हुई है। उपचुनाव का शेड्यूल जारी होते ही कांग्रेस ने प्रभारियों की नियुक्ति के साथ चुनावी तैयारी तो शुरू कर दी है। दलबदल को मुद्दा बनाने पर सभी का जोर भी है, लेकिन दुविधा यह है कि अभी पार्टी को पूरा मैदान साफ नजर आ रहा है। इस सीट से शाह ही सबसे मजबूत चेहरा थे, अब उनको टक्कर देने वाला फिलहाल पार्टी में कोई रहा। इस दुविधा नजर नहीं आ से निपटने के भोपाल से लेकर छिंदवाड़ा तक के नेता की नजर दूसरे दलों के नेताओं पर टिकी हुई है। इसमें पहला नाम उत्तम ठाकुर का है। उत्तम ठाकुर 2013 में भाजपा के प्रत्याशी थे और चुनाव हार गए थे। हाल ही में विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर गोडवाना पार्टी की  नेता मोनिका बट्टी को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वे भी खेत रही थीं।
ठाकुर ने किया साफ इंकार
इस मामले में भाजपा नेता उत्तम ठाकुर का कहना है कि 18 साल से भाजपा में हूं। अब विचारधारा बदलना मुश्किल है। कांग्रेस ने तो विधानसभा चुनाव के समय भी बुलाया था। वहीं मोनिका शाह का कहना है कि अब कांग्रेस में जाने का सवाल ही नहीं उठता। भाजपा में ही रहूंगी। वहीं रावण का कहना है कि भोपाल से भी कांग्रेस नेताओं ने फोन कर पीसीसी बुलाया है। छिंदवाड़ा के लोगों ने भी बोला है। मगर मैं गोंडवाना से ही चुनाव लडूंगा। कांग्रेस के लोगों से मैंने बोल दिया है कि वे चाहें तो जीजीपी से गठबंधन कर ले। ऐसे में अब कांग्रेस की नजर हालिया लोकसभा व विधानसभा चुनाव में जीजीपी कैंडिडेट रहे देवीराम भलावी ऊर्फ देव रावण पर लगी हुई है। उन्हें कांग्रेस ने ऑफर भी दिया गया है। वे विधानसभा चुनाव में 18231 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे और इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का आंकड़ा बढ़ाने का काम भी उनके चुनाव लडऩे ने किया है। उन्हें लोकसभा चुनाव में 53931 वोट मिले। इसमें से उन्हें अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से ही उन्हें 23 हजार से ज्यादा वोट मिले। ऐसे में कांग्रेस अब उनमें पार्टी का प्रत्याशी तलाश रही है।
कांग्रेस को अपने दावेदारों पर भरोसा नहीं
ऐसा नहीं कि कांग्रेस में चुनाव लड़ने के दावेदार नही हैं। बल्कि कांग्रेस की ओर से चुनाव लडऩे के लिए अब तक जिन नेताओं की दावेदारी सामने आ रही है उनमें , चंपालाल कुरचे ब्लॉक कांग्रेस  एवं जिला पंचायत सदस्य,  नवीन मरकाम, जिला पंचायत सदस्य,  जतन उईके, पांर्ढूणा से एमएलए रह चुके हैं। अब वह अमरवाड़ा से दावेदारी कर रहे हैं। इनमें अलावा  विनय भारती, भाजपा में चले गए लेकिन अभी तक निष्क्रिय हैं। अब फिर कांग्रेस के संपर्क में हैं।

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