70 करोड़ से सुधरेंगी शहरी क्षेत्रों की सड़कें, आवंटित की राशि

राज्य सरकार

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। नए वित्त वर्ष में शहरी इलाकों की सड़कों की दशा सुधारने और संवारने के लिए, उनकी मरम्मत और संधारण करने के लिए राज्य सरकार फिलहाल 70 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च करने जा रही है। इसमें सर्वाधिक राशि चारों महानगरों में खर्च की जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा बजट जारी किया जा चुका है। माना जा रहा है कि कोरोना कर्फ्यू हटते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। यह बात अलग है कि यह राशि 413 नगरीय निकायों के हिसाब से बहुत कम है। इनमें भी उन निकायों को बहुत कम राशि दी गई है, जो न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक द़ृष्टि से महत्वपूर्ण हैं , बल्कि पर्यटन की दृष्टि से बेहद अहम माने जाते हैं। सरकार द्वारा जारी की गई कुल राशि सडकों की मरम्मत के लिए 70 करोड़ 30 लाख 78 हजार रुपए में से सर्वाधिक 7 करोड़ 55 लाख 95 हजार रुपये इंदौर को दिए गए हैं। इसके अलावा भोपाल की सडकों की मरम्मत के लिए भोपाल को 6 करोड़ 61 लाख 78 हजार रुपए दिए गये हैं। इसी तरह संस्कारधानी के नाम से जाने वाले जबलपुर शहर को चार करोड़ 18 लाख 73 हजार रुपए जबकि चौथे महानगर ग्वालियर को केवल तीन करोड़ 99 लाख रुपए ही दिए गए हैं। इसी तरह से अन्य नगर निगमों में शामिल देवास, मुरैना, सतना, सागर, रतलाम जैसे निकायों को इस बार एक करोड़ की भी राशि नहीं दी गई है। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल होशंगाबाद जिले के पचमढ़ी को इस बार नगरीय विकास संचालनालय ने उपेक्षा का शिकार बनाते हुए एक रुपए भी नहीं दिया है। इसके अलावा शेष सभी निकायों को राशि जरुर दी गई है।
172 निकायों के खाते में नहीं आए पांच लाख भी
प्रदेश के 172 नगरीय निकाय ऐसे हैं, जिनके हिस्से में सड़कों की मरम्मत के लिए 5 लाख रुपए भी नहीं आए हैं। इनमें प्रमुख रूप से पवई, तेंदूखेड़ा, बीरसिंहपुर, राजनगर, अमरवाड़ा, सतवास, सीतामऊ, बरही, अमानगंज, बड़ोद, मनगंवा, शहपुरा, रामपुर बघेलान, लांजी, सुवासरा, साली चौका, तेंदूखेड़ा, चंदला, मंडलेश्वर, बरघाट, पचमढ़ी, बैतूल का भैंसदेही, आठनेर, सीहोर का रेहटी, ओरछा, शमशाबाद, बैतूल बाजार, मांडव, बरौनी आदि शामिल हैं।
यात्री कर वसूली में भोपाल फिसड्डी
यात्री कर वसूली में चारों महानगरों में शामिल भोपाल फिसड्डी साबित हुआ है। भोपाल नगर निगम द्वारा अन्य महानगरों के अलावा उज्जैन से भी कम वसूली की गई है। भोपाल में कुल 67 लाख 62 हजार रुपए की वसूली की गई है। इसी तरह से उज्जैन ने इस मामले में ग्वालियर को भी पीछे छोड़ रखा है। इस मामले में नगर निगम इंदौर पहले स्थान पर है। इंदौर में एक करोड़ 11 लाख 29 हजार रुपए का यात्री कर वसूल किया गया है। जबलपुर में 71 लाख 53 हजार रुपए और ग्वालियर नगर निगम द्वारा 78 लाख 50 हजार रुपए यात्री कर के रूप में वसूल किए गए हैं। खास बात यह है कि पीथमपुर, महू कैंट, जबलपुर कैंट, मकरोनिया बुर्ज, मंडीदीप, मुरार कैंट, सागर कैंट, महू गांव, नेपानगर, दमुआ, न्यू रामनगर, बनखेड़ी, बैराढ़, सिलवानी, गैरतगंज, कुरावर, चीचली सहित कई क्षेत्रों में यात्रीकर के रुप में फूटी कौड़ी भी नहीं वसूली गई।

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