
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश भाजपा की जल्द ही दो साल बाद प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने जा रही है। खास बात यह है कि इस बैठक में कार्यसमिति में शामिल नेता वर्चुअल रुप से शामिल होंगे। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दिल्ली से वर्चुअल रुप से भाग लेंगे। यह बात अलग है कि इस बैठक में वीडी के अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित बड़े नेता प्रदेश कार्यालय में एक साथ मौजूद रहकर शमिल होंगे। इसमें प्रदेश प्रभारी पार्टी के महासचिव मुरलीधर राव भी शामिल हैं।
इस बैठक का प्रभारी प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल को बनाया गया है। माना जा रहा है कि यह बैठक इसी माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी। पार्टी सूत्रों की माने तो यह बैठक टीम वीडी की पहली बैठक है, जिसमें पार्टी प्रमुख नड्डा के अलावा राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष के अलावा अन्य सभी लोग वर्चुअल रूप से ही शामिल होंगे। इस बैठक में आगामी तीन माह के पार्टी के कार्यक्रमों पर चर्चा कर उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। पहली बैठक होने की वजह से सभी का एक दूसरे नेता से परिचय भी कराया जाएगा। इसके बाद मैदानी स्तर पर संगठन की कार्य समितियों की बैठकों का दौर शुरू कर दिया जाएगा जिसमें जिलों से लेकर मंडल स्तर तक की बैठकें शामिल हैं। मैदानी स्तर की बैठकों के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इसमें प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत के अलावा हरिशंकर खटीक और प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह सोंधिया को भी शामिल किया गया है। गौरतलब है कि मप्र भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की इसके पहले औपचारिक बैठक नंद कुमार सिंह के कार्यकाल में हुई थी। उसके बाद प्रदेश की कमान सांसद राकेश सिंह को दी गई थी, लेकिन उनके कार्यकाल में एक ही बैठक की गई थी। वह बैठक भी परिचयात्मक ही सीमित रही थी। हालांकि पार्टी संविधान में किए गए प्रावधानों के तहत हर तीन माह में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक करने का उल्लेख है, जिसमें बीते तीन माह में पार्टी के संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा कर अगले तीन माह के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाई जाती है।
कब होंगी जिला व मंडल की बैठकें
बताया जा रहा है कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 21 जून से 30 जून के बीच संभावित है। इसी तरह से इसके बाद जिला व मंडल स्तरीय बैठकें होंगी। इनमें 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच सभी जिलों की और उसके बाद 16 से 21 जुलाई के बीच सभी मंडलों की कार्यसमिति की बैठकें आयोजित की जाएंगी। खास बात यह है कि अभी कई जिलों की कार्यसमिति का गठन नहीं हुआ है। बैठकों की वजह से माना जा रहा है कि उनकी घोषणा इसी माह में कर दी जाएगी। इसकी प्रदेश स्तर पर पूरी तैयारी कर ली गई है।
यह रही वजहें
प्रदेश कार्यसमिति की बैठकें न होने की जो वजहें रही उनमें कई कारण शामिल हैं। प्रदेश की बागडोर वीडी शर्मा को मिलने के तत्काल बाद ही प्रदेश में राजनैतिक उठापठक का दौर शुरू हो गया था, जिसके चलते ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा और भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। इसके तत्काल बाद कोरोना की पहली लहर आ गई। इसके बाद एक साथ 28 सीटों के उपचुनाव आ गए। इस बीच पदाधिकारियों की भी घोषणा न हो पाने की वजह से बैठक नहीं हो सकी थी और उसके बाद फिर कोरोना की दूसरी लहर के चलते इसमें देरी की वजह मानी जा रही है।