- स्थापना के नौ दशक बाद संघ में हो रहे हैं कई बदलाव
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। हर साल दशहरे पर शौर्य से ओतप्रोत होकर निकलने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन इस बार अलग समय पर निकालेगा। इस बार संघ का पथ संचलन गांधी जयंती पर निकाला जाएगा। दरअसल, बदलाव के दौर से गुजर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में इस बार दशहरे पर निकलने वाले पारंपरिक पथ संचलन की परंपरा टूटने जा रही है। दो साल पहले कोविड महामारी के चलते शाखाओं और संचलन पर ब्रेक लगा था। भोपाल में इस साल संघ का पथ संचलन और शक्ति प्रदर्शन दशहरे (5 अक्टूबर) के बजाए महात्मा गांधी की जयंती के दिन निकलेगा।
उल्लेखनीय है कि संघ दशकों से अपने स्थापना दिवस विजयादशमी पर घोष वाद्यों की धुन पर सशस्त्र पथ संचलन निकालता है। हालांकि शस्त्र पूजन और संघ मुख्यालय नागपुर में सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत के विजयादशमी उद्बोधन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। देश में संघ की स्थापना को नौ दशक से ज्यादा हो चुके हैं। तभी से विजयादशमी के दिन छोटे-बड़े शहरों में सैकड़ों गणवेशधारी स्वयंसेवक दंड और शस्त्रों के साथ पारंपरिक पथ संचलन के जरिए शक्ति प्रदर्शन करते हैं। लेकिन अब व्यवस्थाओं में समयानुकूल बदलाव का सिलसिला चल पड़ा है। यही कारण है कि इस बार भोपाल में पथ संचलन के लिए गांधी जयंती का दिन तय किया गया है। महाकोशल के मुख्यालय जबलपुर में दशहरा बाद संचलन में आ रहे बदलाव का यह बड़ा संदेश भी निकालने का निर्णय हुआ है।
पथ संचलन में दिखेगा संघ का अनुशासन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पथ संचलन में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में भाग लेंगे। जगह-जगह लोगों द्वारा पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा। पथ संचलन में स्वयंसेवक घोष की ताल पर कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। संघ सूत्रों का कहना है कि अब बदले हुए माहौल में आरएसएस का दायरा काफी बढ़ चुका है। सुरक्षा, सुविधा और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बिठाने के लिए यह बदलाव हुआ है। कई बार स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था व अन्य कारणों से अनुकूलता नहीं रहती, इसलिए दशहरे की बाध्यता नहीं रखी गई है। संघ एक बार डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में उनकी जयंती पर पथ संचलन निकालकर मान-वंदना कर चुका है। मप्र में संघ की शाखाओं की संख्या करीब 5 हजार और देश में 61 हजार से अधिक हो चुकी है।
समिधा की सुरक्षा बढ़ाई
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के राजधानी स्थित मुख्यालय समिधा में सुरक्षा व्यवस्था और दुुरुस्त की गई है। यहां सुरक्षा के लिए चौकसी रखने वाच टॉवर लगाया गया है तो समिधा में सुरक्षा बल भी बढ़ाया गया है। अभी समिधा के बाहर 24 घंटे पुलिस का पहरा होता है। सुरक्षा के लिहाज से जेड प्लस सिक्योरिटी के घेरे में आरएसएस के भवन की निगरानी होती है। पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया के खिलाफ कार्रवाई के बाद एनआईए को मिले इंटपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश पर समिधा की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया है। एनआईए को मिली पेन ड्राइव के तथ्य छापे थे। गौरतलब है कि समिधा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई पदाधिकारी व प्रचारक व स्वयंसेवक प्रवास के दौरान मौजूद रहते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कई बड़े राजनेताओं का भी समिधा में आना जाना लगा रहता है। इसके कारण समिधा की सुरक्षा व्यवस्था को और दुरस्त करने का निर्णय लिया गया है। समिधा पर दूर से नजर रखने की वजह यह है कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है तो बाहर तैनात सुरक्षा बल अलर्ट हो सकें। गौर हो कि नार्थ केरल में संघ के प्रचारकों व अन्य लोगों की प्रतिदिन रेकी की जा रही थी। ंं
राष्ट्रीयता और सामाजिक समरसता से ओतप्रोत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज पूरे विश्व में सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है। वैश्विक स्तर पर कई देशों में तो संघ की कार्य पद्धति पर कई शोध कार्य किए जा रहे हैं कि किस प्रकार यह संगठन अपने 97 वर्षों के लम्बे कार्यकाल में फलता फूलता रहा है एवं किस प्रकार यह समाज के समस्त वर्गों को अपने साथ लेते हुए अपने कई कार्यक्रमों को लागू करने में सफलता अर्जित करता आया है। आज जब कई देशों में अलगाववाद के बीज बोकर भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है ,ऐसे वातावरण में संघ भारत के नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना विकसित कर उनमें सामाजिक समरसता के भाव को जगाने में सफल रहा है। कोरोना महामारी के दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने समाज के साथ मिलकर सक्रियता के साथ सेवा कार्य किया था। लगभग 5.50 लाख स्वयंसेवकों ने महामारी के पहले दिन से ही सेवा कार्य प्रारम्भ कर दिया था तथा पूरे समय समाज के साथ सक्रिय सहयोग किया। विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां बहुत बड़ी संख्या में मठ, मंदिर, गुरुद्वारों से बहुत बड़ा वर्ग सेवा कार्य के लिए निकला। यह एक जागरूक राष्ट्र के लक्षण हैं। साथ ही संघ द्वारा धर्म जागरण, कृषि विकास, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, गौसंवर्धन एवं ग्रामीण विकास का कार्य बहुत अच्छी मात्रा में एवं अच्छी गति के साथ चल रहा है।