जिलों के बाद अब मंत्रालय की बारी

मंत्रालय
  • एसीएस और पीएस स्तर के अधिकारियों की होगी नई पदस्थापना

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। 42 आईएएस अधिकारियों के तबादले के बाद एक-दो दिन में प्रदेश में एक और बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होने वाली है। इस प्रशासनिक फेरबदल में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की नई पदस्थापना की जाएगी। जानकारों का कहना है मोहन सरकार के पिछले एक साल के शासन काल के दौरान जो अधिकारी बेस्ट परफॉर्मर रहे हैं, उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि जापान की यात्रा पर जाने से पहले मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच तबादले को लेकर बैठक हो चुकी है। दोनों में चर्चा के बाद तबादले की सूची लगभग फाइनल हो चुकी है। गौरतलब है अभी हाल ही में जो बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हुई है उसमें अधिकारियों की परफॉर्मेंस को महत्व दिया गया है। उप सचिव से लेकर सचिव स्तर के आईएएस अफसरों के थोकबंद तबादलों के बाद मप्र सरकार जल्द एक और प्रशासनिक सर्जरी करेगी। इस प्रशासनिक फेरबदल में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की नई पदस्थापना की जाएगी। सीएम सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की नई पदस्थापना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के बीच प्रारंभिक दौर की चर्चा हो चुकी है। सीएम डॉ. यादव के जापान दौरे से लौटने के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में आईएएस की ट्रांसफर लिस्ट जारी हो सकती है।
कई अधिकारी हो रहे सेवानिवृत
गौरतलब है 31 जनवरी को कई आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अपर मुख्य सचिव गृह, परिवहन एवं जेल (अतिरिक्त प्रभार) एसएन मिश्रा और आयुक्त सामाजिक न्याय डॉ. आरआर भौसले सेवानिवृत्त होंगे। उनके स्थान पर नए अधिकारियों की पदस्थापना की जाएगी। एसएन मिश्रा के रिटायर्ड होने के बाद गृह एवं परिवहन विभाग की जिम्मेदारी किस अधिकारी को सौंपी जाएगी, इसको लेकर प्रशासनिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। इसके अलावा कई अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों के पास से एक ज्यादा विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त प्रभार वाले विभागों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। वे अतिरिक्त प्रभार वाले विभागों की सिर्फ स्टीन की फाइले ही आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे विभागों में कामकाज प्रभावित हो रहा है।
अतिरिक्त प्रभार से मिलेगी राहत
मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि नई तबादला सूची में अतिरिक्त प्रभार वाले अफसरों को राहत दी गई है। यानी जिन अफसरों के पास एक से अधिक विभाग हैं, उनसे अन्य विभाग लेकर दूसरे अफसरों को जिम्मेदारी दी जाएगी। वर्तमान समय में कई अफसरों के पास अतिरिक्त प्रभार है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई के पास लोक निर्माण जैसे बड़े विभाग का अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार है। मंडलोई की लोक निर्माण विभाग में बहुत ज्यादा रुचि नहीं है। वे सिर्फ रुटीन की फाइलें ही आगे बढ़ाते है। अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल के पास सहकारिता का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनू श्रीवास्तव के पास खेल एवं युवा कल्याण का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे के पास साइंस एवं टेक्नोलॉजी का अतिरिक्त प्रभार, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन के पास संसदीय कार्य व उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे ही प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय शुक्ला के पास विमानन व योजना का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर अमित राठौर के पास कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव खाद्य रश्मि अरुण शमी के पास महिला-बाल विकास का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दीपाली रस्तोगी के पास आयुक्त विकास का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला के पास प्रमुख सचिव धर्मस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव मत्स्य विभाग डीपी आहुजा के पास प्रमुख सचिव आयुष कत्र अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव उद्योग व एमएसएमई राघवेंद्र कुमार सिंह के पास आनंद विभाग का अतिरिक्त प्रभार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव के पास आयुक्त खाद्य सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार है। इसके अलावा कुछ सचिव व अपर सचिव स्तर के अधिकारियों के पास दूसरे विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। पिछले दिनों में कई अधिकारी सचिव और प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत हो चुके हैं। उनकी जिम्मेदारियों में भी परिवर्तन किया जा सकता है।
कामकाज के आधार पर हुआ तबादला
मप्र में प्रशासनिक अधिकारियों की ताजा तबादला सूची में प्रमोटी अधिकारी ललित दाहिमा को सचिव जल संसाधन से हटाकर राजस्व मंडल ग्वालियर का सदस्य बनाया गया है। दाहिमा को उनकी कार्यप्रणाली की वजह से जाना पड़ा। मुख्यमंत्री के सचिव और सडक़ विकास निगम के प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया को राजधानी से दूर जबलपुर भेजने की वजह भरत यादव जैसी ही बताई जा रही है। हालांकि उन्हें मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी का एमडी बनाकर बेहतर पदस्थापना दी गई है। गुना कलेक्टर सतेन्द्र सिंह इसी माह में सचिव पर पर पदोन्नत हुए हैं। उन्हें हटाकर श्योपुर कलेक्टर किशोर कान्याल को गुना कलेक्टर बनाए जाने के पीछे भी राजनीतिक वजह – बताई जा रही है। परिवहन सचिव मनीष सिंह मोहन सरकार में लगातार ताकतवर होते जा रहे हैं। शुरुआत में उन्हें सचिव उपभोक्ता आयोग भेजा गया था। 4 महीने पहले उनकी आयुक्त हाउसिंग बोर्ड के रूप में धमाकेदार वापसी हुई। इसके बाद उन्हें सचिव परिवहन के साथ-साथ एमडी सडक़ परिवहन निगम बना दिया गया। अब उन्हें सचिव जेल की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। बताया गया कि तबादला सूची में 2010 बैच के सभी जिलाधीशों के नाम थे, लेकिन हटाया सिर्फ खरगोन से कर्मवीर शर्मा को है। इसी बैच के भास्कर लक्षकार को फिर से वित्त विभाग में बुलाया गया है। सरकार ने 12 जिलों के जिलाधीशों की अदला-बदली की। इनमें खास नाम नेहा मारव्या का है। क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले भी मारव्या को जिलाधीश बनाने की चर्चा थी, लेकिन मंत्रालय के कुछ अधिकारियों की वजह से उनका नाम एन वक्त पर कट गया था। इस बार मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री से नेहा के नाम पर जिलाधीश बनवाने के लिए मुहर लगवा ली।

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