शांतिपूर्वक मतदान के बाद अब मतगणना की तैयारी शुरू

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। शांतिपूर्वक मतदान के बाद अब निर्वाचन कार्यालय अब मतगणना की तैयारियों में जुट गया है। फिलहाल तो स्ट्रांग रूम की भी कड़ी निगरानी 24 ही घंटे करवाई जा रही है, तो दूसरी तरफ मतगणना स्थल पर मंत्रियों, सांसद या किसी बड़े नेताओं को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। सिर्फ उम्मीदवार और उनके मतगणना एजेंट ही प्रवेश पा सकेंगे। इसके अलावा वे मीडियाकर्मी जिन्हें आयोग ने प्रवेश-पत्र बनाकर दिए हैं, उनको प्रवेश मिलेगा। वहीं चुनाव आयोग मतों की गणना को लेकर कई प्रतिबंध तय कर दिए हैं। सिर्फ वही मंत्री स्ट्रॉन्ग रूम तक जा सकते हैं जो संबंधित जिले के विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी हैं।
तीन दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मतों की गणना को लेकर चुनाव आयोग ने कई प्रतिबंध तय कर दिए हैं। चुनाव आयोग ने मतगणना केन्द्रों पर वीआईपी के प्रवेश पर रोक हर बार की तरह इस बार भी लगाई है। राज्य हो या केन्द्रों के मंत्री, केन्द्रों पर किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मंत्री, सांसद, विधायक या महापौर गणना एजेंट भी नहीं बन सकेंगे, वहीं सरकारी कर्मचारी भी किसी दल विशेष या उम्मीदवार के एजेंट नहीं बन सकेंगे। मंत्री भी केवल उस स्थिति में मतगणना केन्द्र पर प्रवेश पा सकेंगे जब वे खुद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हों। जैसे अभी कुछ केन्द्रीय मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित उनके कई मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं और वे भी उसी विधानसभा क्षेत्र के मतगणना कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे, जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए तैनात गार्डों को भी मतगणना केन्द्र के भीतर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत प्रधान अथवा सरपंच, पंचायत सदस्य, नगर पालिका या म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के पार्षदों या सदस्यों और स्थानीय व्यक्तियों के उम्मीदवारों के अभ्यर्थियों के गणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्ति पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। आयोग के अनुसार किसी भी भारतीय नागरिक जो एनआरआई है, उनको भी उम्मीदवार का गणना अभिकर्ता बनाया जा सकेगा।
पुलिस प्रशासन की तैयारी शुरू
पुलिस प्रशासन अब मतदान के बाद मतगणना की तैयारी में जुट गया है। हालांकि सभी 7 विधानसभा सीटों के लिए नेहरू स्टेडियम में ही मतगणना होना है और बिना अनुमति किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा, लेकिन चुनाव परिणामों के बाद विजय जुलूस उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा निकाले जाएंगे, उसकी तैयारी की जा रही है, ताकि किसी तरह का कोई विवाद ना हो। मतगणना के दिन हालांकि ड्राय-डे भी रहेगा। यानी शराब दुकानें और बार बंद होंगे। आचार संहिता भी मतगणना तक जारी रहती है। लिहाजा विजय रैली जुलूस के लिए भी अनुमति नहीं दी जाएगी। अभी तो सबकी जुबान पर एक ही सवाल है कि कौन जीतेगा और किसकी सरकार बनेगी। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल यानी कांग्रेस-भाजपा अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, तो उम्मीदवार भी इसमें पीछे नहीं हैं। हालांकि अभी बूथवार आंकड़े भी जुटाकर उसका विश्लेषण किया जा रहा है। वहीं कई नेताओं ने मंत्री बनने की उम्मीद में नई ड्रेस सिलने के ऑर्डर भी दे दिए हैं। दूसरी तरफ जिसकी सरकार बनेगी उस पार्टी द्वारा जोर-शोर से रैलियां निकाली जाएगी। जमकर आतिशबाजी भी होगी। खूब ढोल-नगाड़े बजेंगे और कार्यकर्ताओं का हुजूम सड़कों पर भी नजर आएगा। हालांकि तब तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार किस दल की बन रही है। ऐसे में उस दल से जुड़े लोगों के जुलूस रैलियों में रोक-टोक भी ज्यादा नहीं रहेगी। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि तब तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। लिहाजा जुलूस-रैली के लिए अनुमतियां दी जाएगी। अब यह तो परिणाम क बाद ही स्पष्ट होगा कि जीत का जश्न भाजपा कार्यालय या कांग्रेस कार्यालय में मनाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस या भाजपा के जो भी उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे और विधायक बनेंगे वे अपना-अपना भी विजय जुलूस क्षेत्रों में निकालेंगे।  हालांकि इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से चुनाव परिणाम जल्दी आना शुरू होंगे और दोपहर तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कुछ सीटों पर अवश्य शाम तक नतीजे आ सकते हैं। लिहाजा उसके बाद या फिर सामूहिक जुलूस रैली अगले दिन भी आयोजित की जा सकती है।
स्ट्रांग रूम खोलते तथा बंद होने पर उम्मीदवारों रहें उपस्थित…
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने इस बीच कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मतगणना की तैयारियों को लेकर बैठक की। इसमें राजन ने कहा कि डाक मतपत्रों की गणना में भी उम्मीदवारों के एजेंट उपस्थित रहेंगे। स्ट्रांग रूम खोलते तथा बंद करते समय भी उम्मीदवारों के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। जहां डाक मतपत्र रखें हैं उस स्ट्रांग रूम तथा ईवीएम स्ट्रांग रूम खोलने की लिखित सूचना मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों तथा उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से दें। स्ट्रॉन्ग रूम की सीसीटीवी से निगरानी की समुचित व्यवस्था करें। किसी कारणवश कैमरा बंद होता है तो उसके संबंध में उम्मीदवारों को पूरी जानकारी दें। उम्मीदवारों तथा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भी यदि स्ट्रांग रूम की निगरानी करना चाहते हैं तो सुरक्षा की दृष्टि से उचित स्थान उनके लिए निर्धारित कर दें। राजन ने कहा कि मतगणना केंद्र में केवल वैध प्रवेश पत्रधारी व्यक्तियों को ही प्रवेश दें। मतगणना तीन दिसंबर को प्रात: 8 बजे आरंभ होगी। सभी उम्मीदवारों तथा मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को इसकी लिखित में सूचना दे दें। सबसे पहले रिटर्निंग आफिसर टेबल में डाक मतपत्रों की गणना शुरू होगी। यदि मुख्य मतगणना कक्ष से अलग कक्ष में डाक मतपत्र की गणना की जानी है तो रिटर्निंग आफीसर डाक मतपत्र की गणना में उपस्थित रहेंगे। ईवीएम की गणना में एआरओ उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि ईवीएम, स्ट्रांग रूम अथवा मतगणना के संबंध में किसी भी तरह की शिकायत या अफवाह का तत्काल निराकरण कराएं। मतगणना कक्ष में मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। ऑनलाइन इनकोर इंट्री करने के लिए ओटीपी की आवश्यकता होगी। रिटर्निंग ऑफिसर अथवा उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति का मोबाइल नंबर भेजकर इसकी अनुमति प्राप्त कर लें। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में रेंडम रूप से चयनित पांच मतदान केंद्रों के वीवीपैट की गणना करके मतपत्रों से मिलान किया जाएगा।
नियमों पर सख्ती से अमल का निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने इसको लेकर कलेक्टरों से कहा है कि आयोग के निर्देशानुसार किसी भी स्थानीय संस्था के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष, जिला पंचायत एवं पंचायत समिति के अध्यक्ष, केंद्र एवं राज्य सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के उपक्रमों के अध्यक्ष विधानसभा का चुनाव लड़ रहे किसी भी प्रत्याशी के गणना एजेंट नियुक्त नहीं किए जा सकेंगे, चाहे उन्हें सुरक्षा कवच मिला हो या न मिला हो। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों से इन पर सख्ती से अमल कराने के लिए कहा गया है। आयोग द्वारा अनुसार शासकीय सेवकों पर भी प्रत्याशियों के गणना एजेंट बनने पर रोक लगाई है। इसके साथ ही सरकार से किसी प्रकार का मानदेय अथवा किसी भी सरकारी या सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थान में अंशकालिक काम करने वाले व्यक्ति भी उम्मीदवार के गणना अभिकत्र्ता नहीं बन सकेंगे। शासकीय अथवा अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थानों में काम करने वाले पैरा मेडिकल या स्वास्थ्य कर्मी, उचित मूल्य दुकान के डीलर्स एवं आंगनवाड़ी कर्मी को भी गणना अभिकत्र्ता नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे राज्य (केंद्रीय और राज्य सरकारों) द्वारा सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया हो, उन्हें निर्वाचन अभिकर्ता या उम्मीदवार के गणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा, चाहे वो अपनी सुरक्षा को समर्पित कर दे या छोड़ दे। इस तरह के व्यक्ति अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ या उनके बिना गणना हॉल में दाखिल नहीं हो सकेंगे।

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