प्रचार के बाद रणनीति तैयारी करने रतजगा करना पड़ रहा नेताओं को

रतजगा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, वैसे -वैसे प्रत्याशियों को भी तमाम तरह की राजनीति में भी बदलाव करना पड़ रहा है। हालत यह है कि दिनभर प्रचार करने के बाद प्रत्याशियों व उनके समर्थक राजनेताओं को नई रणनीति बदलने के लिए रतजगा करना पड़ रहा है।
इसकी वजह से हालात यह हैं कि उनकी नींद भी पूरी तरह से नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि कई प्रत्याशी तो गंभीर रुप से बीमार तक हो गए हैं। इसके अलावा उनके समर्थकों को भी अब दवा लेकर प्रचार के लिए निकलना पड़ रहा है। गौरतलब है कि इस बार लगभग आधी सीटों पर न केवल बेहद कड़ा मुकाबला हो रहा है, बल्कि कई जगह तो प्रत्याशी त्रिकोणीय मुकाबले में बुरी तरह से फंस गए हैं। इसकी वजह से चुनावी मैदान में उत्तरे प्रत्याशियों को दिनभर घर-घर दस्तक देनी पड़ रही है। इस दौरान  विपक्षी प्रत्याशी की प्रचार की रणनीति और उसके द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। इसके हिसाब से अपनी रणनीति बदलने और विपक्षी प्रत्याशी से अधिक कारगर साबित होने के लिए रात में प्रमुख नेताओं के साथ बैठकर रणनीति तैयार करने का काम किया जा रहा है। इस दौरान खासतौर पर अलग-अलग वर्गों को साधने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की भी समीक्षा की जा रही है।
प्रदेश में पिछले एक महीने से चल रहा चुनाव प्रचार अब पूरी तरह से अंतिम चरण में है। यही वजह है कि अब तमाम राजनैतिक दलों द्वारा पूरा जोर लगाया जा रहा है। प्रदेश के मध्य भारत अंचल की आधा सैकड़ा सीटें तो ऐसी हैं , जहां पर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच अब तक बराबरी का मुकाबला बना हुआ है। इसकी वजह से अब आखिरी के तीन दिनों में वे विजय के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। यही वजह है कि जाति, समाज और मतदाताओं को साधने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। अब मतदाताओं को कौन कितना साधने में सफल रहा, इसकी परीक्षा 17 नवंबर को मतदान के दिन होनी है, जबकि चुनाव परिणाम तीन दिसंबर को आने पर पता चलेगा की किसकी रणनीति कितनी कारगर रही है।
विदिशा जिले की पांच सीटों पर इस बार बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इसमें भी विदिशा सीट पर सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसकी वजह से ही खासतौर पर छोटे से छोटे स्तर पर किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा रही है। सीएम हाउस से बैठकर मुख्यमंत्री चौहान खुद राजनीतिक बिसात बिछा रहे है। वहीं, उनके सेनापति मैदान में दिन और रात बैठकें कर रहे हैं। इस जिले में सीएम के करीबी मंत्री भूपेंद्र सिंह भी दांगी समाज को साधने के लिए बैठक कर चुके है।

Related Articles