आखिर करोड़ों के घोटाले में तीन अफसरों की गई नौकरी, सीईओ पर मेहरबानी

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद में हुए 15 करोड़ के घोटाले में आखिरकार शासन ने कार्रवाई कर ही दी है। इस मामले में जहां तीन अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया है तो वहींं, अब भी जनपद सीईओ पर मेहरबानी बनी हुई है। उनके खिलाफ महज अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कमिश्नर ग्वालियर को पत्र लिखा गया है। दरअसल इस मामले का खुलासा होने के बाद जांच कराई गई थी। जांच में शिकायत सही पाई गई थी। इसके बाद से जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई लंबित पड़ी हुई थी।
अब इस मामले में बदरवास जनपद के सहायक यंत्री अनिल पटेरिया, सहायक परियोजना अधिकारी स्नेहा गुप्ता, रोजगार सहायक सतेंद्र सिंह को कलेक्टर ने बर्खास्त कर दिया है। सेवानिवृत्त लेखापाल मायाराम सगर पर भी कार्रवाई की जा रही है। सहायक यंत्री पटेरिया ने फर्जी काम के विरुद्ध पंचायतों में निर्माण कार्यों के मूल्यांकन कर भुगतान की अनुशंसा की थी, जबकि एपीओ स्नेहा गुप्ता ने बगैर सक्षम स्वीकृति के बनाई गई टीएस को नरेगा के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करने का काम किया। इसके साथ ही रोजगार सहायक सत्येंद्र सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया है। इस पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड जनपद सीईओ अरविंद शर्मा के विरुद्ध प्रथम दृष्टया पुलिस कार्रवाई संस्थित होनी चाहिए लेकिन अभी तक उनके विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। हालांकि, जिला कलेक्टर ने उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कमिश्नर ग्वालियर को लिखा गया है। यही नहीं 15 करोड़ के इस घोटाले में कुल 20 पंचायत जांच के दायरे में हैं, लेकिन जनपद सीईओ ने रामगढ़ सहित चार पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों को नोटिस तक नहीं तामील किये, क्योंकि ये चारों पंचायत राजनैतिक रूप से ताकतवर लोगों से जुड़ी हुई हैं।
सीईओ रिश्वत लेते हो चुके हैं गिरफ्तार सीईओ
जनपद सीईओ अरविंद शर्मा का ट्रैक रिकार्ड अनियमिताओं और भ्रष्टाचार के मामले में दागदार रहा है। ऊचेहरा जनपद पंचायत के सीईओ के रूप में वह 15 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किए जा चुके हैं। विदिशा में भी उनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें रही हैं। बदरवास मामले में भी अरविंद शर्मा ने राजनीतिक संरक्षण में करोड़ों का यह फर्जीवाड़ा किया। इसके बाद भी उनका रसूख ऐसा है की कभी भी कोई प्रभावी कार्रवाई का उन्हें सामना नहीं करना पड़ा है।
नरेगा घोटाले में नौ राजगार सहायक नपे
उधर, इस मामले में जिला प्रशासन ने नौ रोजगार सहायकों के विरुद्ध कारवाई करते हुए उन्हें सरकारी कामकाज से अलग कर दिया है। यह आदेश जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी द्वारा पुरानी तारीखों में जारी किए गए हैं। आगामी आदेश तक ये सभी कर्मचारी अब पंचायत में काम नहीं कर पाएंगे। जिन 9 पंचायत के रोजगार सहायक के विरुद्ध कारवाई की गई है उनमें रमेश जाटव, कल्याण सिंह दांगी, दुर्गेश कोरी, मोहन यादव, छत्रपाल लोधी, राघवेंद्र दांगी, परमाल दांगी, रझोल सिंह और भरत यादव शामिल हैं। यह बात अलग है कि अभी भी कई पंचायतों के मामले में कार्रवाई का इंतजार बना हुआ है। इन में रामगढ़, मांगरोल, अतलपुर, पीरोठ, मड़वासा, जैसी पंचायतें शामिल हैं।

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