5 माह बाद फिर अफसरों से शिव लेंगे कैफियत

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अब एक बार फिर कोरोना संक्रमण से निपटने के बाद प्रशासनिक कसावट के लिए पूरी तरह से सक्रियता दिखाने जा रहे हैं। लगभग पांच माह बाद उनके द्वारा अफसरों की क्लास ली जाएगी। जिसमें सरकार की योजनाओं के साथ ही कानून व्यवस्था जैसे मामलों में अफसरों से कैफियत ली जााएगी। इसके अलावा अफसरों को सोशल मीडिया पर वायरल सूचनाओं का फैक्ट चेक कराने का जिम्मा भी दिया जाएगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों को एजेंडा भी भेज दिया गया है। 23 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा की जाने वाली समीक्षा में सभी कलेक्टर-कमिश्नर, आईजी-एसपी शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस कॉन्फ्रेंस के दौरान एजेंडा से हटकर कई अन्य मामलों पर भी चर्चा की जाएगी। इसी तरह से बैठक में सोशल मीडिया पर निगरानी के साथ ही वास्तविक स्थिति बताने का जिम्मा भी अफसरों को दिया जाएगा। इसका जिम्मा कलेक्टर व एसपी को दिया जाना है। इसमें कलेक्टर के माध्यम से जहां सूचनाओं की वास्तविकता  पर नजर रखी जाएगी, जबकि एसपी के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।   फिलहाल एजेंडे में जिन योजनाओं की समीक्षा का खासतौर पर उल्लेख किया गया है उसमें प्रदेश में माफिया के विरुद्ध कार्रवाई, महिला अपराध एवं आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए कानून व्यवस्था के संबंध में समीक्षा की जाएगी। साथ ही विभिन्न कोविड कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा होगी। बारिश के दौरान अंकुर कार्यक्रम के तहत पौधरोपण और एक जिला एक उत्पाद योजना की भी समीक्षा होगी। जल जीवन मिशन के जमीनी क्रियान्वयन और सहायता समूह को दिलाये गए क्रेडिट लिंकेज की स्थापना के साथ-साथ नगरीय क्षेत्रों के धारणाधिकार आवंटन के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन की जानकारी सीएम लेंगे।
पहले हर माह ली जा रही थी बैठक
चौथी बार प्रदेश की कमान संभालने के बाद कोरोना की पहली लहर से निपटते ही सीएम चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कलेक्टर, एसपी के कामकाज के मूल्यांकन के साथ सरकार की प्राथमिकता वाले कामों की कड़ी निगरानी शुरू की थी। इस दौरान जिन अफसरों की कार्यप्रणाली सही नहीं पाई जाती थी और गंभीर लापरवाही सामने आती थी, उन पर तत्काल एक्शन लिए जाने से अफसरशाही में हडकंप मच गया था। यह बात अलग है कि कोरोना के चलते इस मासिक बैठक को मार्च माह से बंद करना पड़ा था। इसकी वजह रही है सरकार को पूरा ध्यान कोरोना पर काबू पाने में लगाना। खास बात यह है कि मासिक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर सूचना पर बेहद एक्टिव रहते थे। कोरोना की दूसरी लहर के बाद इस कांफ्रेंसिंग को रोक दिया गया था जो अगले माह शुरू होगी।

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