मिलावटखोरों से प्रशासन नहीं वसूल सका साढ़े सात करोड़

मिलावटखोरों

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार भले ही मिलावटखोरों पर सख्ती के बार -बार निर्देश देती रहती है और कई बार नाराजगी भी जाता चुकी है इसके बाद भी शासन प्रशासन उनके खिलाफ कोई कड़ी प्रभावी कार्रवाई करने में नाकाम बना हुआ है। प्रशासन की नाकामी इससे ही समझी जा सकती है कि 11.86 करोड़ जुर्माने में से महज 3.64 करोड़ रुपए की वसूली ही की जा सकी है। यानि की जर्माना वसूली के मामले में या तो प्रशासन गंभीर नहीं है या फिर मिलावटखोर प्रशासन पर भरी पड़ रहे हैं। यही वजह है कि अब एक बार फिर से सरकार को इस अभियान की तेजी के लिए निर्देश देने पड़े हैं। इस अभियान के तहत जर्माना राशि वसूली पर विशेष फोकस के निर्देश देने पड़े हैं। इसके अलावा आने वाले समय में मिलावटखोरी पर और सख्ती करने को भी कहा गया है। बताया जा रहा है कि अब सरकार की इस मामले में सख्ती के बाद जिम्मेदार अमला भी अधिक सक्रिय नजर आएगा। बताया जा रहा है कि इस साल अब तक 22000 से ज्यादा नमूने लेकर प्रकरण बनाए गए हैं। इनमें 4680 नमूने जांच में फेल साबित हुए हैं। अब इस साल की शेष अवधि के लिए नए लक्ष्य तय कर वसूली पर फोकस किया जाएगा।
अब तय होगी अफसरों की जवाबदेही
सीएम शिवराज सिंह ने हाल ही में समीक्षाओं के दौरान मिलावटखोरी पर अभियान तेज करने के निर्देश दिए थे। अफसरों से साफ कहा था कि मिलावटखोरों पर शिकंजा कसा जाए। इसमें यदि कोई लापरवाही होती है तो संबंधित अफसर की जवाबदेही तय होगी। इसमें जिलों की रैंकिंग भी तैयार होगी। इस कारण विभागीय स्तर पर अगले दो महीने के लक्ष्य को रिवाइज करके मुस्तैदी से काम दिखाने की तैयारी है।
अगले दो माह होगी तेजी से कार्रवाई
मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब महज दो माह का ही समय बचा है। इसकी वजह से इन दोनों महीनों में लक्ष्य को रिवाइज करके काम करने की तैयारी है। यही वजह है कि अब इस साल के मामलों की पूरी वसूली इसी वित्तीय वर्ष में करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसकी वजह से इन दोनों माह में वसूली के लिए अलग से प्रयास किए जाएंगे। इसमें संभागीय मुख्यालय वाले जिले प्राथमिकता पर हैं। इसकी वजह है इन्हीं जिलों में सबसे अधिक वसूली राशि का बकाया होना है।  
इस साल की कार्रवाई
इस साल इस माह तक 22027 नमूने जांच को भेजे गए। इनमें से 4680 नमूने विभिन्न श्रेणी में फेल हुए हैं। इनमें से 2539 मामलों में दोष सिद्ध पाया गया है। इनमें से 55 मामलों में आरोपियों को सजा दी गई है। इसी तरह से 11.86 करोड़ अर्थदण्ड लगाया गया है।

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