मप्र में नदियों के संरक्षण का… तैयार हो रहा एक्शन प्लान

  • संबंधित नदियों से जुड़ा होगा पूरा ब्यौरा
  • गौरव चौहान
संरक्षण

मध्य प्रदेश देश में ऐसा पहला प्रदेश बनने जा रहा है, जहां पर नदियों के संरक्षण के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि इसके लिए नदियों का मास्टर प्लान भी बनाया जाएगा। खास बात यह है कि इसमें संबंधित नदी की हर छोटी व बड़ी जानकारी होगी। इसमें पर्यावरण स्तर, लंबाई, प्रमुख घाट व इनके आसपास आबादी, जलस्तर व जिलों से जुड़ा डाटा भी होगा। फिलहाल इसके लिए सूबे की 15 नदियों का चयन किया जा रहा है। इसके लिए पर्यावरण विभाग ने नदियों से जुड़े हर आदेश, प्रावधान व केंद्र के नियमों का अध्ययन का काम शुरू कर दिया है। इसके बाद अब इससे जुड़े हुए विभागों के अफसरों के साथ मंथन किया जाएगा।
नए व पुराने डाटा का किया जाएगा अध्ययन
मास्टर प्लान में नदियों के प्रदूषण के स्तर के लिए पुराने और नए डाटा की अध्ययन रिपोर्ट होगी। हर महीने प्रदूषण के स्तर की जांच होगी । साथ ही नदियों के उद्गम स्थल से लेकर आखिरी छोर तक का सर्वे होगा। यह भी देखा जाएगा कि नदी रेतीली, मैदानी, चट्टानी, दलदली जैसी किस श्रेणी में है। रिवर मास्टर प्लान में संबंधित नदी में पाए जाने वाले जलीय जीवों की जानकारी होगी। मछलियां, कछुओं की प्रजाति, जलीय वनस्पति, घड़ियाल और मगरमच्छ समेत अन्य के बारे में बताया जाएगा। नदी की सहायक या उप नदियों का खाका भी तैयार किया जाएगा। कई छोटी नदियां और बारिश में बहने वाली नदियां भी मिलती है। यह तय किया गया है कि नदियों का मास्टर प्लान भी शहरों की मास्टर प्लान की तर्ज पर सैटेलाइट इमेज से तैयार किया जाएगा। इनके जरिए समय-समय पर शोध भी किए जा सकेंगे। प्लान में नदी पर बने बांधों की भी जानकारी होगी। कितना पानी वर्तमान में है, कितना लिया जा रहा है, निर्माण, बांध की स्थिति, अधिकतम जलभराव क्षेत्र समेत कई बिंदु शामिल किए जाएंगे। इसे बांध का संधारण करने वाले विभाग की वेबसाइट से भी मर्ज किया जाएगा।
पहले चरण में यह नदियां होंगी शामिल
मध्यप्रदेश की जिन नदियों को पहले चरण में शामिल किया जा रहा है उनमें चंबल, ताप्ती, सोन, बेतवा, तवा, क्षिप्रा, बेनगंगा, केन, सिंध, कालीसिंध, गार, शक्कर, वर्धा, कुंवारी, पार्वती नदियां प्रमुख हैं। इनकी सैकड़ों सहायक नदियां हैं। प्रदेश की प्रमुख नदी वैसे तो नर्मदा है , लेकिन इसे इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है । इसकी वजह है नर्मदा नदी संरक्षण के लिए सरकार द्वारा अलग से प्रोजेक्ट को तैयार किया जाना।
थ्री डी नक्शे की प्लानिंग
शहरों की तरह नदियों का मास्टर प्लान भी मोबाइल पर दिखाई दे सकेगा। एक अवधि के बाद मास्टर प्लान में बताए आंकड़ों को अपडेट किया जाएगा। इसके लिए अभी समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अलग-अलग लेयर में नदी से संबंधित जानकारी डाटा के साथ मिल सकेगी। विभाग यह भी दावा कर रहा है कि थ्री डी मास्टर प्लान तैयार करने वाला मप्र देश का पहला राज्य- होगा। नदी के उच्चतम बाढ़ स्तर से थ्री डी नक्शे को बनाने की प्लानिंग की गई है। यानी बाढ़ के दौरान नदी के अधिकतम विस्तार क्षेत्र का नक्शा तैयार किया जाएगा। घर बैठे नदी की वास्तविक स्थिति की जानकारी भी मिल सकेगी। इसके अलावा नदियों का संयुक्त रूप से एक नक्शा भी बनाया जाएगा।

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