- मूल विषय की जगह दूसरे विषयों में दिया जा रहा है उच्च पद का प्रभार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। स्कूल शिक्षा विभाग अपनी कार्यप्रणाली की वजह से हमेशा ही चर्चा में बना रहता है, फिर मामला तबादलों का हो या बच्चों की दी जाने वाली स्कूली ड्रेस का। अब एक बार फिर से विभाग चर्चा में है। इसकी वजह है इस बार उच्च पद का प्रभार देने में बरती जा रही गंभीर लापरवाही। प्रदेश भर में ऐसे कई शिक्षक हैं, जिन्हें दिए गए उच्च पद प्रभार के आदेश में उनका मूल विषय ही बदल डाला है। आदेश में अंग्रेजी विषय के व्याख्याता को उच्च पद प्रभार देकर उनका विषय संस्कृत कर दिया गया है। वहीं, भूगोल के उच्च माध्यमिक शिक्षक को जीव विज्ञान के शिक्षक के रूप में उच्च प्रभार दे दिया गया है। ऐसे ही भोपाल में माध्यमिक शिक्षक को संस्कृत विषय के बदले इतिहास विषय का आदेश दे दिया गया। इसके अलावा कई स्कूलों में दो-दो शिक्षकों को उच्च प्रभार देकर भेज दिया गया है। अहम बात यह है कि अलग-अलग तारीखों में जारी होने वाले आदेशों में गड़बडिय़ां ही गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। विषय जब बदला जा रहा है , जब शिक्षकों से च्वाइस फिलिंग भी कराई गई है। अब ऐसे में बड़ी मात्रा में शिक्षक लोक शिक्षण आयुक्त से शिकायत कर रहे हैं।
विषय बदलने के कइ्र मामले सामने आ रहे हैं। इनमें सीएम राइज स्कूल उमावि हजीरा ग्वालियर में उच्च श्रेणी शिक्षक समता बाजपेयी पदस्थ हैं। उन्होंने अंग्रेजी विषय के लिए व्याख्याता पद के लिए उच्च पद प्रभार की ऑनलाइन काउंसलिंग में बीती 22 जुलाई को शामिल हुईं। उच्च पद प्रभार का आदेश निकला, तो अंग्रेजी के स्थान पर उनका विषय संस्कृत कर दिया गया। इसी तरह से सीहोर जिले में पदस्थ उच्च माध्यमिक शिक्षक राकेश पांडे भूगोल के शिक्षक हैं। उन्होंने उच्च पद के प्रभार की आनलाइन काउंसलिंग में भूगोल विषय का चयन किया था। अब उच्च पद के प्रभार में आदेश बायोलॉजी के शिक्षक के रूप में जारी हुए हैं। रतलाम के माध्यमिक शिक्षक मधुवन मौर्य संस्कृत विषय के शिक्षक हैं। उन्होंने उच्च पद के प्रभार की काउंसलिंग में संस्कृत विषय का चयन किया था। अब आदेश जारी हुए, तो उनका विषय इतिहास दर्शाया गया है। शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजलपुर इंदौर में पदस्थ उच्च श्रेणी शिक्षक उल्का लौंढे की यूनिक आईडी पर किसी दौलत सिंह नाम के शिक्षक के उच्च पद के प्रभार के आदेश निकाल दिए गए।
की जा रही है मनमानी
ऑनलाइन काउंसलिंग में खाली पदों को लेकर भी विभाग के कुछ अफसरों की खूब मनमानी चली। आनलाइन काउंसलिंग के दौरान शिक्षकों को च्वाइस फिलिंग के लिए खाली पद बताए गए। लेकिन जब शिक्षक इस पर च्वाइस फिलिंग करने लगे, तो भरा बता दिया गया। पद खाली दिखने बाद भी कहा गया कि यह भर चुका है, कोई दूसरे स्कूल का चयन करें। प्रदेश के हर जिले से ऐसे कई मामले सामने आए। ऐसे ही एक मामले में पहले शासकीय स्कूल चूनाभट्टी में इतिहास का पद भरा हुआ बता रहा था। फिर अचानक ही पद खाली बताकर उसमें उच्च पद प्रभार के लिए च्वाइस फिलिंग करवा ली गई और उच्च पद के प्रभार के आदेश जारी कर दिए।
यह है वजह
स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा पोर्टल पर विषयवार शिक्षकों के पद को अपडेट नहीं किया है। करीब डेढ़ साल से चल रही आनलाइन काउंसलिंग में अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षकों का स्थानांतरण हो या उच्च पद का प्रभार हो, विसंगतियां होती हैं।