- लगाए गए फर्जी दस्तावेजों को सरकारी फाईलों से किया गायब
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज संचालन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में लॉ स्टूडेंट्स की याचिका पर आरोप लगाया कि प्रदेश के 453 कॉलेजों की फाइलों में से 37 हजार पेज गायब है। याचिकाकर्ता ने निरीक्षण में यह जानकारी कोर्ट को दी। जिस पर हाईकोर्ट ने नर्सिंग कांसिल आॅफ इंडिया से जवाब मांगा है।
नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने याचिका दायर की है। मध्यप्रदेश शासन की ओर से नर्सिंग काउंसिल में रखे हुए प्रदेश के 453 नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता के समस्त रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किए गए थे जिस पर हाईकोर्ट द्वारा याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश को रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति दी गई थी, संपूर्ण रिकॉर्ड के निरीक्षण के उपरांत याचिकाकर्ता की ओर से अपनी निरीक्षण रिपोर्ट उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई। जिसमें बताया गया है कि नर्सिंग काउंसिल की ओर से कोर्ट में पेश किए गए रिकॉर्ड में से 37759 पन्ने गायब हैं, जिनका उल्लेख तो मान्यता की फाइलों में है लेकिन वास्तविकता में वो कागजात फाइल में नहीं हैं। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि समस्त रिकॉर्ड पेश किया जा चुका है।
हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल से मांगा जवाब
नर्सिंग काउंसिल की ओर से पेश हुए उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने ग्वालियर हाईकोर्ट की तर्ज पर शेष 453 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए कमेटी बनाने के लिए आग्रह किया गया तो हाईकोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। वहीं हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि आखिर उक्त पन्ने कहां गायब हो गए। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने 11 जुलाई को फिर से सुनवाई करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई पर सरकार को स्पष्टीकरण पेश करना है। गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने प्रदेश के फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी।
निरीक्षण में सामने आया मामला
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश के पालन में मप्र शासन द्वारा नर्सिंग काउंसिल में रखे हुए प्रदेश के 453 नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता के समस्त रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किए गए। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति दी थी। संपूर्ण रिकॉर्ड के निरीक्षण के बाद विशाल बघेल ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि नर्सिंग काउंसिल द्वारा कोर्ट में पेश किए गए रिकॉर्ड में से 37759 पन्ने गायब हैं। इनका उल्लेख मान्यता की फाइलों में तो है, लेकिन वास्तिवकता में वो कागज नहीं हैं। नर्सिंग काउंसिल की ओर से ग्वालियर हाईकोर्ट की तर्ज पर शेष 453 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए कमेटी बनाने हेतु आग्रह किया गया, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे नकार दिया। याचिकाकर्ता की निरीक्षण रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में 80 कॉलेजों की सूची भी पेश की है, जिसमें प्राचार्य एवं अन्य शैक्षणिक स्टाफ को एक ही समय में एक से अधिक संस्थाओं में कार्यरत दशार्या गया है। ऐसे अनेक कॉलेजों की फोटो पेश की गई है जो एक ही भवन में अलग-अलग पाठ्यक्रमों की मान्यता लेकर कॉलेज संचालित कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने वर्ष 2020-21 के नर्सिंग कॉलेजों द्वारा आॅनलाइन फार्म में भरे गए शैक्षणिक स्टाफ तथा अन्य दस्तावेज सॉफ्ट कॉपी में मांगे हैं। कोर्ट ने काउंसिल को समस्त रिकॉर्ड का एक्सेस याचिकाकर्ता को प्रदान करने के निर्देश दिए।
कॉलेजों में हो रहा था जमकर फर्जीवाड़ा
फर्जी नर्सिंग कॉलेज में लगातार दलाल सक्रिय हैं। दलालों के सक्रिय होने को लेकर लगातार शिकायतें की जा रही थी। जिसमें छात्र-छात्राओं को एडमिशन किसी और कॉलेज में दिया जा रहा है और पढ़ाई किसी और कॉलेज में कराई जा रही है। किसी और कॉलेज के नाम से फीस जमा कराई जा रही है। ज्यादातर नर्सिंग कॉलेजों में ना तो लैब है और ना ही एक्सपोर्ट टीचर हैं। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजेस पर गाज गिरी है। प्रदेश के 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजेस की मान्यता रद्द कर दी गई है। लगातार फजीर्वाड़े और शिकायतों के चलते विभाग ने इसको लेकर जांच पड़ताल कराई थी। पड़ताल में नियमों का उल्लंघन करने वाले 200 से नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द की गई है। तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को खत्म किया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है इस सेक्टर को पूरी तरह से शुद्ध करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि सुनिश्चित किया जाएगा कि इस सेक्टर में पूरी तरह से शुद्धता और सुचिता आए। नर्सिंग सेक्टर में नियम कानूनों का पालन किया जाए। फर्जी तरीके से चल रहे हैं नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर मंत्री सारंग ने कहा कि यह हमारी बड़ी सफलता है। तकनीकी शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा हमने इस क्षेत्र को साफ सुथरा करने का निर्णय लिया था। जिसके कारण ये कार्रवाई की गई है। नर्सिंग कॉलेजों की लंबे समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद मामलों की जांच की गई। पड़ताल में आरोप सही पाए जाने के बाद ही 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों पर कड़ी कार्रवाई की गई है।
11/07/2022
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