हर व्यक्ति पर 43 हजार रुपये का कर्ज

  • सात साल में हुआ तीन गुना से अधिक हुआ

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मध्य प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज अब लगभग 4.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, और राज्य के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन करीब 43 हजार रुपये का कर्ज है। यह कर्ज पिछले सात वर्षों में तीन गुना बढ़ा है। हालांकि, अब यह देखना होगा कि सरकार अगले वर्षों में कर्ज के बोझ को कैसे नियंत्रित करती है और विकास की गति को बनाए रखते हुए वित्तीय प्रबंधन में सुधार करने के लिए कौन से कदम उठाती है। मप्र सरकार का  बजट 2025-26 में राज्य का बढ़ता कर्ज योजनाओं और विकास कार्यों के लिए एक वित्तीय संकट उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कर्ज विकास परियोजनाओं और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लिया जा रहा है। मार्च 2024 में राज्य पर कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ था, जो फरवरी 2025 तक बढक़र 4.22 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इस समय मध्यप्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर अनुमानित कर्ज करीब 43 हजार रुपये हो गया है। मार्च 2016 के अंत में प्रति व्यक्ति कर्ज करीब 13,853 रुपये था, जो अब तीन गुना से अधिक बढ़ चुका है।
देश में देनदारियों के मामले में नौवें स्थान पर है मध्य प्रदेश
कर्ज के मामले में मध्यप्रदेश देश में नौवें स्थान पर है, जबकि तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्य कर्ज के मामले में मध्यप्रदेश से आगे हैं। प्रदेश सरकार औसतन हर महीने 10 हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज ले रही है। इसके अलावा, सरकार को पिछले बजट के अनुसार हर साल करीब 29 हजार करोड़ रुपये का ब्याज चुकाना पड़ रहा है, जो 2024-25 के बजट का 10 प्रतिशत से अधिक है।

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