जालसाजों का एक बड़ा गिरोह सेलर और वेंडर की साइट पर सक्रिय

जालसाजों

– एडवांस पर धंधा करने वालों को बना रहे शिकार
-राजधानी भोपाल में ही कुछ दिनों के अंदर कर डाली लाखों की ठगी
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
ऑनलाइन साइबर जालसाज तू डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। ऑनलाइन जालसाजों ने ठगी का नया ट्रेंड अपनाया है और एडवांस पर चलने वाले धंधे का वे नाजायज फायदा उठा रहे हैं। अकेले राजधानी भोपाल में ही इन जालसाजों ने लाखों रुपए की ठगी कर डाली है। मामले सामने आने के बाद अब साइबर पुलिस भी सक्रिय हो गई है और इन ठगों पर नजर रख रही है।
 साइबर पुलिस के पास ऐसे दो केस आ चुके हैं, जिसमें जालसाज ने सेलर व वेंडर को चूना लगाया है। ठगी का यह नया ट्रेंड सामने आने के बाद साइबर पुलिस ऐसे जालसाजों पर नजर रख रही है। सेलर और वेंडर की वेबसाइट जैसे इंडिया मार्ट, जस्ट डायल, लाइफ टाइम डील, एक्स कार्ट, स्टोर हिप्पो आदि पर ऑनलाइन जालसाज सक्रिय हुए हैं। वे माल खरीदने और बेचने की मंशा जाहिर करने वाले व्यापारियों को ठग रहे हैं। एडवांस पर चलने वाले इस धंधे का वे नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
भरोसे के धंधे में जालसाजी
 एडिशनल डीसीपी अंकित जायसवाल ने बताया कि ठगी का यह ट्रेंड नया सामने आया है। ठगे हुए लोगों से जब उन्होंने बात की और बोला कि आपने एडवांस रकम क्यों दे दी? इस पर व्यापारियों का कहना था कि यह धंधा एडवांस पर चलता है। इतना भरोसा तो करना पड़ता है, नहीं तो धंधा नहीं चलेगा। इसी का फायदा जालसाज उठा रहे हैं। जालसाज या तो खुद सेलर बन जाते हैं या जरूरतमंद बनकर ठगी कर रहे हैं।
भोपाल में अब तक दो मामले सामने आए
एडवांस पर धंधा करने वालों से ठगी के दो मामले भोपाल में सामने आए हैं। राजधानी के एक व्यापारी ने जस्ट डायल पर गेहूं खरीदी की मंशा जाहिर की थी। जालसाज ने कोलकाता का सेलर बनकर दो करोड़ में सौदा तय किया। एडवांस राशि के नाम पर भोपाल के व्यापारी से 47 लाख रुपए  ले लिए। जब कोलकाता से माल भोपाल नहीं पहुंचा तो ठगी का पता चला। वहीं सूखी सेवनिया इलाके में मकान बनवा रहे व्यक्ति को जालसाज ने सस्ते में सीमेंट देने का लालच दिया। इधर, जालसाज पास के एक डीलर से सीमेंट खरीदने की बात कर पेमेंट साइट पर देने को बोला। जालसाज ने सीमेंट पहुंचने पर व्यक्ति से ऑनलाइन फोन-पे से रकम ले ली। जब डीलर को रकम नहीं मिली तो उसने अपना सीमेंट वापस बुलवा लिया।
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ठग सुनियोजित तरीके से ठगी को अंजाम तक पहुंचाते हैं। जालसाज किसी बड़ी कंपनी का बिल नंबर, जीएसटी नंबर, फीडबैक, फैक्ट्री की फोटो लेकर खुद फर्स्ट पार्टी बन जाते हैं। यह सब भेजने पर लोग उन पर भरोसा कर लेते हैं। एडवांस में 20 फीसदी रकम ले लेते हैं। इसके बाद 10 फीसदी रकम रास्ते में माल दिखा अन्य आधार पर लेकर ठगी कर रहे हैं। जालसाजों का एक बड़ा गिरोह सेलर और वेंडर की साइट पर सक्रिय है। जो लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। पिछले दिनों सायबर क्राइम ने फरूखाबाद, यूपी के पांच सदस्यीय गिरोह का भांडाफोड़ किया था। मुख्य सरगना गोपाल सोमवंशी जिस गांव का है उस गांव के अधिकतर युवा इसी तरह की ठगी में संलिप्त हैं। गिरोह एक वारदात को अंजाम देने के लिए एक ही मोबाइल सिम का उपयोग करता था। इसके बाद सिम तोड़ देता था। ताकि वे पुलिस से पकड़े न जाएं।

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