इंजीनियरिंग के लिए पंजीयन कराकर लापता हुए 9 हजार छात्र

इंजीनियरिंग
  •  अब एमबीए में भी पांच साल में सबसे कम प्रवेश का बना रिकार्ड  …

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के निजी इंजीनियरिंग एवं एमबीए कॉलेजों से छात्रों को माहभंग होता जा रहा है। यही वजह है कि इन महाविद्यालयों में साल दर साल छात्रों के प्रवेश लेने की संख्या कम होती जा रही है। इसकी वजह से हर साल हजारों की संख्या में सीटें तक कम होने के बाद कई कॉलेजों में तो नाम मात्र के छात्रों द्वारा ही प्रवेश लिया जा रहा है।
इस वजह से इस साल कई कॉलेजों में तो तालाबंदी तक की नौबत आ चुकी है। खास बात यह है कि इस सत्र में जिन छात्रों ने इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए पंजीयन कराया था, उनमें से करीब नौ हजार छात्र इसके बाद लापता हो गए हैं। उधर एमबीए में भी इस साल पांच सालों में सबसे कम छात्रों ने प्रवेश लेने का रिकॉर्ड बनाया है। विभाग ने प्रदेश के 143 इंजीनियरिंग कॉलेजों की 58 हजार सीटों पर प्रवेश के लिए 25 अगस्त से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की गई थी। करीब दो माह चली प्रवेश प्रक्रिया के दौरान कुल 37 हजार 886 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है। जबकि इंजीनियरिंग के पहले और दूसरे राउंड में 44 हजार 44 छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था, वहीं सीएलसी राउंड में कुल 3 हजार 113 रजिस्ट्रेशन हुए थे। इस तरह प्रवेश के लिए कुल 47 हजार 157 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी 9 हजार 271 विद्यार्थी दाखिला लेने ही नहीं आए। यह हाल तब हैं, जबकि इन छात्रों ने च्वाइस फिलिंग भी की थी और विभाग ने इन्हें सीटें भी आवंटित कर दी थीं। विभाग को अब इन छात्रों की तलाश बनी हुई है। यह बात अलग है कि इस बार बीते साल की तुलना में बीई-बीटेक में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या 8 फीसदी बढ़ गई है। गत वर्ष अधिक सीटें होने के बाद भी 35 हजार 169 प्रवेश ही हुए थे, जबकि इस साल 52 हजार 338 सीटों पर 37 हजार से ज्यादा प्रवेश हुए हैं।  इधर, एमबीए में 3 फीसदी प्रवेश कम हुए हैं। यदि सीटों के अनुपात में देखें तो यह 5 साल में सबसे कम प्रवेश हैं। वर्ष 2018 में 19 हजार 665 पर 97 फीसदी सीटें भर गई थीं, जबकि इस साल 16 फीसदी सीटें खाली रह गईं।
एमबीए में 34 हजार प्रवेश
एमबीए में प्रवेश लेने का सीएलसी राउंड चल रहा है। इस राउंड में अब तक 9405 एडमिशन हुए हैं। इस तरह एमबीए में एडमिशन का आंकड़ा 34250 पहुंच गया है। इसी तरह एमसीए सीएलसी राउंड के 549 एडमिशन सहित कुल 3466 एडमिशन हुए हैं। वहीं डिप्लोमा इंजीनियरिंग में सीएलसी राउंड में 352 सहित कुल 17717 एडमिशन हुए हैं। दरअसल इस बार डीटीई ने प्राइवेट कॉलेजों को फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इस बार सीएलसी राउंड में सेल्फी सिस्टम रखा था। विद्यार्थियों की प्रवेश के दौरान कॉलेज में उपस्थिति अनिवार्य करने के साथ आॅन स्पॉट सेल्फी क्लिक कर अपलोड करने की व्यवस्था की गई है।  इसके कारण एडमिशन का आंकड़ा कम रह गया है।
एमई-एमटेक में भी कम हुए प्रवेश  
इस बार एमई-एमटेक में भी बीते वर्ष की अपेक्षा बेहद कम प्रवेश हुए। बीते साल 4 हजार से अधिक स्टूडेंट ने प्रवेश लिया था, इस साल यह आंकड़ा 3128 तक ही रह गया है।  हालांकि एमसीए में इस साल करीब साढ़े तीन हजार प्रवेश हुए, जबकि बीते साल 3 हजार से भी कम थे। एमसीए में बीते पांच साल से लगातार छात्रों की दिलचस्पी बढ़ रही है और एमटेक में घटी है। इसी तरह से इस साल एम-आर्क की 18 सीटों में से 11 पर प्रवेश हुआ, जबकि 2021 और 2019 में सभी 18 सीटें भर गई थीं। ऐसे ही बी-आर्क में इस साल 200 में से 113 सीटों पर प्रवेश हुए, जो कि बीते साल से 14 कम हैं। 5 साल में यह सबसे कम है। इसी प्रकार बीएचएमसीटी की 300 में से 58 सीटें ही भर पाई, जो बीते साल से 8 कम है। हालांकि आईआईएमबीएम में रुचि बढ़ी है और इस साल 238 सीटों पर प्रवेश हुए।

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