जंगली जानवरों के हमले में गंवाई 86 लोगों ने जान

जंगली जानवरों
  • एक दशक में दूसरी बार सर्वाधिक हुई मौतें

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लगातार जंगली प्राणीयों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह अच्छी बात कही जा सकती है, लेकिन इसके उलट उनके हमलों में मरने वालों की संख्या भी भयावह होती जा रही है। दरअसल प्रदेश में जंगल घटता जा रहा है, जिसकी वजह से पहले तो वन्य प्राणियों के बीच आपसी संघर्ष की घटनाएं भी लगातार सामने आती रहती है। इसके बाद भी जब उन्हें पर्याप्त रहवास स्थल नहीं मिलता है ,तो वे आबादी के करीब पहुंच जाते हैं। ऐसे में वे इंसानों पर भी हमला करने में पीछे नहीं रहते हैं। यही वजह है कि बीते एक साल में वन्य प्राणियों के हमले में जान गंवाने वालों की संख्या 86 तक पहुंच चुकी है, जो बीते एक दशक में दूसरी बार सर्वाधिक है। इससे पहले साल 2020-21 में 90 लोगों की जान गई थी।  इसी तरह की घटना तीन माह पहले रायसेन जिले में सामने आ चुकी है। वहां पर बाघ ने एक आदमी पर हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। ताजा मामला सिवनी का है, जहां पर जंगल गए एक व्यक्ति पर भी बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी भी मौत हो गई। हालांकि हिसंक होने वाले वन्य प्राणियों को जंगल महकमा पकड़ता भी है। इसके बाद भी हमले तो होते ही रहते हैं। इनमें सर्वाधिक घटनाएं जंगल और टाइगर रिजर्व मेें हुई हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय प्रदेश में 785 बाघ है। इसके बाद भी बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे बाघ टेरेटरी बनाने के लिए जंगल से बाहर आने लगे हैं। इससे संघर्ष बढऩे लगा है और बाघ इंसानों पर भी हमला करने लगे हैं।  इस साल 29 जनवरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर क्षेत्र में एक बाघ ने किसान पर हमला कर दिया था। इससे किसान घायल हो गया था। वहीं 27 जनवरी के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाधिन ने दो महिलाओं पर हमला कर दिया था। एक महिला को बाधिन उठाकर भी ले गए थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
    तेंदुओं की संख्या में भी वृद्धि
    टाइगर रिजर्व में अब टेरेटरी फाइट में भी बाघों की मौत हो रही है। कुछ टाइगर रिजर्व में बाघों से ज्यादा तेंदुओं की संख्या हो गई। इससे आपसी संघर्ष वाघ और तेंदुओं की मौत हो रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 30 जनवरी को बाघ के शावक का शव मिला था। टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के मुताबिक टेरेटरी फाइट में बाघ शावक की मौत होने की आशंका है। इसी साल 25 जनवरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर क्षेत्र में एक बाघिन का शव मिला था। बाघिन की मौत आपसी संघर्ष होने की आशंका जताई गई थी। वहीं 24 जनवरी को उमरिया वन मंडल में ही एक कुए में तेंदुआ का शव मिला था। शिकार की आशंका के चलते कुछ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले इस जंगल में एक और तेंदुआ का शव मिला था। 17 जनवरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शावक का शव मिला था। शावक के शव के पास दूसरे बाघ के भी पगमार्क मिले थे। इस बाघ की मौत की वजह भी आपसी संघर्ष को माना जा रहा है।
    किस साल कितनी हुई मौतें
    साल मौत
    2013-14 48
    2014-15 61
    2015-16 52
    2016-17 52
    2017-18 42
    2018-19 47
    2019-20 51
    2020-21 90
    2021-22 57
    2022-23 86

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