71 सीटों ने किया भाजपा की आकांक्षा को पूरा

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की कांग्रेस के प्रभाव वाली 71 सीटों ने इस बार भाजपा की जीत की आंकक्षा को पूरा किया है। हालांकि भाजपा संगठन ने प्रदेश की 102 विधानसभा सीटों को आकांक्षी श्रेणी में रखकर जीत की योजना तैयार की थी, जिसमें से 31 सीटें इस बार भी भाजपा के लिए मुश्किल बनी हुई हैं। इन सीटों पर इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं। लिहाजा यह सीटें एक बार फिर से भाजपा के निशाने पर हैं। ये वे सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस का लंबे समय से कब्जा रहा है अथवा भाजपा को उन सीटों पर गाहे-बगाहे जीत नसीब हुई थी। भाजपा ने इसको लेकर योजना बनाकर पूरी तैयारी की थी। भाजपा ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2020 के उपचुनाव में हारी हुई सीटों को वर्ष 2023 के चुनाव में आंकाक्षी सीटों की श्रेणी में रखा था। पार्टी ने बिना प्रचार-प्रसार किए रणनीति के तहत इन सीटों पर मैदानी स्तर पर काफी मेहनत की है और उसका परिणाम ही है कि भाजपा इस बार 102 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही है। भाजपा को बीते चुनाव यानि की 2018 में करीब 124 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। सत्ता परिवर्तन के बाद वर्ष 2020 में हुए उप चुनाव में भाजपा ने करीब 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद कांग्रेस के कब्जे में बची 102 सीटों को आकांक्षी सीट की श्रेणी में रखते हुए उन पर जीत दर्ज करने के लिए रणनीति बनाकर काम करना शुरु कर दिया था। चुनाव के एक साल पहले ही भाजपा संगठन ने इन आकांक्षी सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर पार्टी की जीत के लिए संभावनाएं तलाशने की जिम्मेदारी सौप दी थी। उसके बाद इन सीट के प्रभारियों और अन्य सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पार्टी ने कुशल रणनीति के तहत अपने उम्मीदवार घोषित किए। कुछ सीट पर तो चुनाव की घोषणा होने के डेढ़ माह पूर्व ही प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। इसके बाद पार्टी के राज्य के वरिष्ठ नेताओं और केन्द्रीय नेताओं ने इन सीटों पर पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा कर केंद्र और राज्य सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं के हितग्रहियों से मुलाकात की और उन्हें अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया। पार्टी के नेताओं ने मैदानी स्तर पर हितग्राहियों को जोडऩे के लिए पूरा जोर लगा दिया। आखिरकार पार्टी ने इसमें सफलता भी मिली।
यह सीटें अब भी बनी हुई हैं मुश्किल
भाजपा ने जिन सीटों को आकांक्षी सीट की श्रेणी में रखा था, उन पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान काफी समय पहले ही कर दिया गया था। उनमें से कुछ सीट ऐसी भी रही, जहां पार्टी को फिर से पराजय का मुंह देखना पड़ा। ऐसी सीटों में भोपाल की उत्तर एवं मध्य, भिंड की गोहद, मुरैना जिले की मुरैना के अलावा जौरा, अम्बाह, श्योपुर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, सेवढ़ा, राधौगढ़, पुष्पराजगढ़, जबलपुर पूर्व, डिण्डोरी, बिछिया, निवास, बैहर, लखनादौन, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौराई, सौंसर, छिन्दवाड़ा, परासिया, पांदुर्णा, झाबुआ, भीकनगांव, कसरावद, सेंधवा, राजपुर, सरदारपुरा, गंधवानी, कुक्षी, मनावर शामिल हैं।

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