सूबे में नलजल योजना के हाल बेहाल, लक्ष्य से 65 फीसदी पिछड़े

 नलजल योजना

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही हर घर जल को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखे हुए हैंं, लेकिन अफसर उनकी मंशा पर पानी फेर रहे हैं।  यही वजह है कि मप्र  अब भी तय लक्ष्य से 65 फीसदी पीछे चल रहा है।  इसके चलते देश में प्रदेश 24 वें स्थान पर बना हुआ है। अगर अफसरों ककी कार्यशली इसी तरह की रही तो  प्रदेश में लक्ष्य हासिल करने के लिए लंबे इंतजार करना पड़ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए ही मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही जिलों की समीक्षा में इस योजना को लेकर प्रथमिकता से पूछताछ  कर वास्तविकता का पता लगाया जा रहा है। यही नहीं इस दौरान सीएम द्वारा इस काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं। यह बात अलग है कि जल जीवन मिशन में बुरहानपुर  देश के उन जिलों में शुमार हो चुका है , जिसमें  सौ फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इस मामले में आधे से अधिक जिलों में हालत खराब हैं। इसकी वजह से हालात ऐसे हैं कि 33 जिलों में तो अभी तक आधा काम भी नहीं हो पाया है। प्रदेश के 51548 गांवों में से शासन ने 6747 में 100 फीसदी काम का दावा किया गया, लेकिन जब इसकी वास्तविकता की जांच  गई तो दावों की कलई खुल गई। जांच में महज 2110 गांव ही दावों की कसौटी पर खरे उतर सके। हद तो यह है कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के 26148 गांवों में अभी प्लान तक नहीं बनाया गया है।
यह है योजना
केन्द्र सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचाने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की शुरूआत की थी। योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में नल के जरिए स्वच्छ जल पहुंचाना है।  हर घर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ और सुरक्षित जल उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा है। लक्ष्य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है। इसके बावजूद हालत यह है कि तीन साल में आधा कार्य भी नहीं हो पाया। अब बाकी बचे दो साल में काम पूरा करना करना है।
आंकड़ों की हकीकत
जल जीवन मिशन में प्रदेश में महज 44,60 ही काम हो पाया है। कुल 51548 गांवों में से 6747 गांवों और 2104 ग्राम पंचायतों के हर घर में नल से पानी पहुंचाने का दावा है, लेकिन सत्यापन में  2110 गांवो और 712 ग्राम पंचायातों में ही काम हो पाया है। एक जिले और दो ब्लॉकों ने शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। प्रदेश के 20643 गांवों में कार्य प्रगति पर बनाया जा रहा है ,तो 26148 में अभी प्लान तक नहीं बना 2 वर्ष 2022-23 में 1300.97 करोड़ रुपए केन्द्र बजट और राज्य सरकार के हिस्से के 2599.44 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए हैं।
यह 3 जिला फिसड्डी
इस मामले में तीन जिले बेहद फिसड्डी साबित हो रहे हैं। इनमें छतरपुर, सतना और पन्ना जिला शामिल हैं। इन जिलों में लक्ष्य की तुलना में अभी तक 22 फीसदी से भी कम काम किया गया है। खास बात यह है कि इनमें से छतरपुर व पन्न जिले तो ऐसे हैं जहां पर हर साल पेयजल का बड़ा सकंट खड़ा हो जाता है। इसके बाद भी अफसर काम में रुचि लेते नजर नहीं आ रहे हैं।

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