जन्म से पहले ही विवादों में 56 वां जिला

  • बीना और खुरई को लेकर स्थानीय नेताओं में घमासान
  • गौरव चौहान
विवादों

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 4 सितंबर को बीना के दौरे पर जाएंगे। वे प्रदेश को 56वें जिले की सौगात दे सकते हैं। लेकिन नया जिला बीना बनेगा या खुरई इसको लेकर स्थानीय नेताओं में घमासान शुरू हो गया है। भाजपा के ही कुछ नेता जहां बीना को जिला बनाने पर अड़े हुए हैं , वहीं कुछ नेताओं ने खुरई को 56वां जिला बनाने की मांग शुरू कर दी है। नया जिला बीना होगा या खुरई, यह भविष्य के गर्भ में है, लेकिन फिलहाल सागर जिले की इन दोनों तहसीलों में जिले की मांग को लेकर घमासान मचा हुआ है। जिला बनने की रेस में बीना के आगे बढ़ने की संभावना के बीच दूसरे दावेदार खुरई में आंदोलन तेज हो गया है। सागर जिले की दो तहसीलों के बीच की होड़ के बीच जिले के भाजपा नेताओं में खींचतान होने का संदेश जाने लगा तो संगठन सक्रिय हुआ और नेताओं को चुप कराना पड़ा है।
गौरतलब है कि बीना को जिला बनाने की मांग 1985 से चली आ रही है और अब यह पूरी होने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री के दौरे से पहले बीना और आसपास के क्षेत्रों में माहौल गरमाया हुआ है, क्योंकि खुरई के लोग भी इसे जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। सागर जिले में आने वाली बीना तहसील को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। बीना की सागर से दूरी 80 किलोमीटर है, और यह तहसील क्षेत्रफल में भी बड़ी है। बीना रेलवे का महत्वपूर्ण जंक्शन होने के कारण इसे जिला बनाने की मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय में बीना को जिला बनाने की फाइल पर तेजी से काम हो रहा है। यदि कोई बड़ी आपत्ति नहीं आती, तो 4 सितंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीना को मप्र का 56वां जिला घोषित कर सकते हैं।
अपने-अपने दावे
प्रदेश के 56वें जिले को लेकर बीना और खुरई के नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। खुरई के नेताओं का दावा हैं कि यह प्रदेश की सबसे पुरानी तहसीलों में से एक है। पीएचई, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग जैसे अनुविभागीय कार्यालय, पालीटेक्निक कालेज, 100 बिस्तर का अस्पताल, कृषि महाविद्यालय यहां हैं। वहीं बीना के नेताओं का दावा है कि प्रदेश की एकमात्र रिफाइनरी का यहां है और अब यहां 50 हजार करोड़ का निवेश भी होने जा रहा है। यहां जेपी कंपनी का थर्मल पावर प्लांट, नेशनल हाईपावर टेस्टिंग लेबोरेटरी, पावर ग्रिड, रेलवे जंक्शन आदि हैं।
सीएम के हस्तक्षेप के बाद थमा मामला
सागर जिले की दो तहसीलों के बीच की होड़ के बीच जिले के भाजपा नेताओं में खींचतान होने का संदेश जाने लगा तो संगठन सक्रिय हुआ और खुरई बंद का आह्वान वापस हो गया। वहीं, बीना में भी जिले बनाए जाने की मांग को लेकर डेढ़ माह से लगातार क्रमिक धरना जारी है। सोमवार को जिला बनाओ संघर्ष समिति ने शहर में रैली निकालकर ज्ञापन दिया और बीना को जिला बनाने की मांग की। सागर में बदलते घटनाक्रमों के बीच मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बीना प्रबंध समिति की बैठक ली, जिसमें केवल उपचुनाव की तैयारियों पर ही चर्चा की गई। जिले के विषय को दरकिनार कर दिया गया। सत्ता और संगठन की ओर से ऊपरी तौर पर भले ही कुछ नहीं कहा जा रहा, लेकिन बीना और खुरई के जिला बनने के मामले में सागर में जितनी उथल-पुथल मची है, वह आसानी से शांत हो जाएगी ऐसा लग नहीं रहा है। बीना को जिला बनाने के लिए वर्ष 1967 से शुरू हुई मुहिम पिछले कुछ दिनों से बेहद तेज हो चुकी है। सागर में चर्चा है कि 4 सितंबर को बीना आ रहे मुख्यमंत्री बीना को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं। खुरई को भी जिला बनाने की मांग दशकों पुरानी है। इसको लेकर 44 दिनों से धरना चल रहा है। खुरई से पूर्व मंत्री तथा कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह विधायक हैं। वह बीना को जिला बनाने के खिलाफ हैं। आम चुनाव के दौरान कांग्रेस से विधायक बनीं निर्मला सप्रे ने भाजपा का दामन थामा, बीना में भी मांग ने जोर पकड़ लिया।
खुरई को भी जिला बनाने की मांग
बीना को जिला बनाए जाने के साथ ही खुरई तहसील को भी जिला बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। खुरई के निवासियों ने आज खुरई बंद का आह्वान किया था, ताकि उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाया जा सके। लेकिन भाजपा संगठन की पहल पर बंद को वापस कर लिया गया है। ऐसे में नए जिले का नाम बीना-खुरई रखा जा सकता है, जिससे दोनों क्षेत्रों की मांगों को संतुलित किया जा सके। यदि बीना को जिला बनाया जाता है, तो इसमें बीना, खुरई, मालथौन, बांदरी, कुरवाई और पठारी तहसीलें शामिल की जा सकती हैं। इसके अलावा, बीना में उपचुनाव की स्थिति भी बन रही है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की निर्मला सप्रे ने बीना सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हो गई हैं। उनके इस्तीफे की संभावना के चलते उपचुनाव की अटकलें तेज हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उपचुनाव से पहले ही बीना को जिला घोषित किया जा सकता है।

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