राजधानी के आसपास बनेंगे 5 इंडिस्ट्रियल कॉरिडोर

इंडिस्ट्रियल कॉरिडोर
  • एक्सप्रेस-वे और हाईवे के पास जमीनों की हो रही तलाश

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। प्रदेश के एक्सप्रेस-वे और हाईवे के किनारे इंडस्ट्रियल रीजन तैयार किए जाएंगे। इसी के तहत राजधानी भोपाल के आसपास से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे और हाईवे के पास जमीनों की तलाश हो रही है। दरअसल, शहरी सीमा में स्थान की कमी को देखते हुए राजधानी से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे और हाईवे के किनारे पांच नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने जा रहा है। इससे कम से कम 50 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। विंध्य एक्सप्रेस-वे से इसकी शुरुआत होगी। भोपाल से सागर, दमोह होते हुए सिंगरौली तक 676 किमी लंबा एक्सप्रेस वे बनेगा। इसमें इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भोपाल से जुड़े हिस्सों में ही होगा। भोपाल इंदौर, भोपाल मंडीदीप, भोपाल रायसेन रोड से लेकर भोपाल नरसिंहगढ़ रोड के किनारे भी इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। नर्मदा प्रगति पथ भी भोपाल के पास नसरूल्लागंज से गुजरेगा और इसके किनारे भी इंडस्ट्रियल कॉरीडोर होगा।
    दरअसल, सरकार की योजना है कि प्रदेश से होकर और प्रदेश की सीमा के आसपास से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे के पास 1,500 एकड़ से 4,000 एकड़ तक के औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे। इनमें सडक़, बिजली, पानी, सीवेज लाइन, ट्रांसपोर्ट, एयरपोर्ट और रेलवे लाइन से सीधे कनेक्टिविटी की सुविधा के साथ टाउनशिप भी तैयार की जाएंगी। यहां से गुजरने वाले जिला मार्गों और पीएम ग्रामीण सडक़ों को भी टू और फोर लेन किया जाएगा। हर एरिया के लिए एक अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह उद्योगों का सहयोग करे। बड़े उद्योगों की मॉनिटरिंग पीएस, सचिव तथा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोेरेशन के एमडी करेंगे। इसी के तहत भोपाल के लिए योजना बनाई जा रही है।  एमपीआरडीसी और नेशनल हाइवे मिलकर सडक़ के किनारों को विकसित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके लिए जिला प्रशासन से शहर से जुड़े पांच रास्तों के आसपास की जमीनों पर डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है।
    नए उपनगर विकसित होंगे…
    कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि शहर से लगी सडक़ों के किनारे नए उपनगर विकसित होंगे। इस संबंध में संबंधित एजेंसियों को जमीन देखने और स्थिति का आंकलन करने का निर्देश दिया गया है। शहर किनारे औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से रोजगार की स्थिति भी सुधरेगी। दरअसल, शहरी सीमा में स्थान की कमी, पर्यावरणीय दिक्कतों के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास में परेशानी और कच्चा माल व उत्पादों को अन्य शहरों व राज्यों से लाने व पहुंचाने में मुख्यमार्गी से कनेक्टिविटी का अभाव है। इसलिए मुख्य मार्गों को इसके लिए चुना गया है। नए विकसित औद्योगिक हब के आसपास नई बसाहटें होने से शहर पर आबादी का दबाव घटेगा। नए उपनगर विकसित होने से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसका जिले को लाभ मिलेगा। वहीं 5 रास्तों पर इंडस्ट्रियल एरिया की योजना 200 उद्यम प्रत्येक रोड पर विकसित होंगे 50 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा प्रति उद्योग 50 हजार के लिए रोजगार को स्थिति बनगी मुख्य मार्ग से जोडऩे बायपास बनाएंगे गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया को एयरपोर्ट व मुख्यमार्ग से कनेक्टिविटी देने के लिए भोपाल बायपास को रत्नागिरी तिराहा से एयरपोर्ट के पास आशाराम तिराहा तक आठ लेन करने की कवायद जारी है।

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