-राजनीतिक पार्टियों के साथ ही निर्वाचन आयोग भी जुटा चुनाव की तैयारी में …
भोपाल/रवि खरे /बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में वोटर आईडी के अपडेशन, वेरिफिकेशन और नए परिचय पत्र बनाए जाने का काम संपन्न हो चुका है। वहीं, सामने आई जानकारी के अनुसार, इस बार यानी वर्ष 2023 में होने जा रहे मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राज्य के 18 से 21 साल उम्र वाले 30 लाख नए युवा मतदाता पहली बार सूबे की सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे। यानी इस बार प्रदेश में 30 लाख नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। वहीं जनवरी 2023 की स्थिति में वोटर्स की संख्या 5 करोड़ 40 लाख के पार हो जाएगी। आपको याद दिला दें कि, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 3 लाख 94 हजार 86 थी। मप्र में राजनीतिक पार्टियों के साथ ही निर्वाचन आयोग भी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। प्रदेश में वोटर आईडी के अपडेशन, वेरिफिकेशन और नए परिचय पत्र बनाए जाने का काम संपन्न हो चुका है। संभवत: 2023 में करीब 5 करोड़ 40 लाख वोटर्स सरकार चुनेंगे। खास बात ये भी है कि, इस बार मतदाता सूची अपडेशन के दौरान रिकॉर्ड आवेदन आए हैं। नए मतदाताओं के रिकॉर्ड 17 लाख आवेदन आए है। इनमें 18 साल के युवाओं के 16 लाख 25 हजार आवेदन शामिल हैं। जनवरी 2023 की स्थिति में वोटर्स की संख्या 5 करोड़ 40 लाख के पार हो जाएगी। आपको याद दिला दें कि, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 3 लाख 94 हजार 86 थी।
फर्जी वोटर्स के मामले भी सामने आए: वहीं, मतदाता सूची के अपडेशन के दौरान प्रदेश में फर्जी वोटर्स के मामले भी सामने आए हैं। वहीं, सिर्फ प्रदेश के ग्वालियर जिले की ही बात करें तो यहां शुरूआती जांच में ही 8 हजार से अधिक बोगस वोटर्स की पुष्टि हुई है। इसेक साथ ही, सॉफ्टवेयर बेस्ड फोटो मिसमैच होने के चलते 43,734 वोटरों की जांच शुरू हुई है। अभी तक 12 हजार नामों की जांच की जा चुकी है। इनमें सिर्फ 3958 वोटर ही सही पाए गए हैं, जबकि 8000 से ज्यादा वोटर बोगस पाए गए हैं। ऐसी स्थिति में इनके मतदाता पत्र के आवेदन को निरस्त किया गया है। वहीं, 1663 मतदाता ऐसे भी हैं, जिनके नाम अलग – अलग विधानसभा में मिले हैं। जांच के दौरान ही 1118 आवेदन तो ऐसे भी हैं, जो कहीं रिकॉर्ड में ही नहीं है। वहीं, 52 मतदाताओं के फोटो मिलान ही नहीं हो रहे हैं। सबसे ज्यादा 5926 मतदाता ऐसे मिले हैं जिनका जिले की वोटर लिस्ट से संबंध ही नहीं है, जिन्हें आयोग द्वारा हटाया जाएगा। नई वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 1 जनवरी 2023 की स्थिति में 5 जनवरी को होने की संभावना है।
रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान की सुविधा
मतदाताओं को जल्द ही रिमोट वोटिंग मशीन आरवीएम से मतदान करने की सुविधा मिलेगी। हालांकि यह सुविधा उन मतदाताओं को मिलेगी जो शिक्षा, रोजगार या किसी अन्य कारणवश किसी दूसरी जगह पर चले गए हैं और मतदान के लिए अपने मूल निवास के मतदान केंद्र पर नहीं पहुंच पाते। भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे मतदाताओं को रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है। भारत निर्वाचन आयोग का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी मतदाता मतदान करने से वंचित न हो। चाहे वह देश के किसी भी राज्य, शहर या जिले में रह रहा हो और वह अपने क्षेत्र में मतदान करने न पहुंच पा रहा हो, तो ऐसे मतदाताओं को मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आरवीएम से मतदान की व्यवस्था की जा रही है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने बताया कि शिक्षा, रोजगार सहित किसी अन्य कारण से मतदाता किसी दूसरे राज्य में चला जाता है और मतदान के दिन वह अपने क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता, तो उसे रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतदान करने की सुविधा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी( रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह ईवीएम का एडवांस वर्जन है। यह उतना ही सुरक्षित है, जितनी कि ईवीएम। यह एक नान नेटवर्किंग सिस्टम है। एक रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में 72 विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों की सूची रहेगी। इसमें अलग-अलग विधानसभाओं के मतदाता एक ही आरवीएम मशीन से मतदान कर सकेंगे। मतदान करने पहुंचे मतदाताओं को अपने बूथ क्रमांक और विधानसभा क्षेत्र का नाम बताना होगा। देश के किसी राज्य में निवासरत मतदाता को रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान करने के लिए पहले अपने गृह क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को आवेदन करना होगा। यह आवेदन आनलाइन और आफलाइन किया जा सकेगा। आवेदन मिलने के बाद गृह क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा मतदाता का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद ही उसे रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। राजनीतिक दलों के सामने रिमोट वोटिंग मशीन आरवीएम की कार्य-प्रणाली का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने देश के सभी आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को 16 जनवरी को 2023 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आमंत्रित किया है। रिमोर्ट इवीएम कार्य-प्रणाली की जानकारी देने के दौरान आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।