- पशुपालन विभाग के एमडी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला
- गौरव चौहान
राज्य विधानसभा में बीते रोज भाजपा के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व मंत्री ने अपनी ही सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए यहां तक कहा कि विभाग उन्हें संरक्षण दे रहा है। उनके खिलाफ जो भी शिकायतें आई हैं, उन्हें बिना जांच के नस्तीबद्ध कर दिया गया है। उन्होंने प्रबंध संचालक के कामों की जांच उच्चस्तरीय समिति से कराने की मांग की साथ ही कहा कि इसमें किसी विधायक को भी शामिल किया जाए। शुरुआत में अध्यक्ष ने उनकी मांग को मानने से इंकार कर दिया पर बाद में कांग्रेस सदस्यों और संसदीय कार्य मंत्री के अनुरोध पर समिति बनाने को कहा। इस समिति में विधायक को भी रखा जाएगा। प्रश्नकाल में बिसेन ने यह मुद्दा उठाते हुए मंत्री से पूछा कि पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के एमडी का मूल विभाग और पद क्या है, वे कब से इस पद पर पदस्थ है। विभागीय मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि 23 अगस्त 2012 को डॉक्टर एचबीएस भदौरिया की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर लेकर प्रबंध संचालक के पद पर उन्हें पदस्थ किया गया था। उन्होंने बताया कि मूल रूप से वे सीहोर कृषि कालेज में प्राध्यापक हैं। उन्होंने कहा कि सामान्यतया दो वर्ष के लिए सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर ली जानी चाहिए पर प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने के लिए दोनों विभागों की सहमति ली जाती है। इस पर बिसेन ने कहा कि अधिकारी के खिलाफ कई शिकायतें हैं और मंत्री जी अपने जवाब में कह रहे हैं कि सभी को प्रारंभिक जांच के बाद नस्तीवद्ध कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहीं नहीं होता कि शिकायतों में तथ्य हों और उनकी जांच कराए बगैर ही उन्हें नस्तीबद्ध कर दिया जाए। बिसेन ने मांग की कि प्रबंध संचालक के खिलाफ जो 11 शिकायतें हैं उनकी जांच एक समिति से करा ली जाए जिसमें विधायक भी शामिल हों। बिसेन ने यह भी कहा कि उसमें मुझे भले ही न शामिल किया जाए पर एक दो विधायकों को इसमें शामिल किया जाए। इस पर मंत्री प्रेम सिंह ने कहा कि जांच तो हो गई है अब क्या जरूरत है। बिसेन का कहना था कि जांच की ही नहीं गई है। शिकायतों को बिना जांच के नस्तीबद्ध किया गया है। फिर से जांच होनी चाहिए उसमें विधायकों भी शामिल किया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि फिर से जांच करा लेंगे। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि कमेटी से नहीं मंत्री कह रहे है कि जांच करा लेंगे। बिसेन ने कहा कि किसी भी दल के विधायक को रख दें पर विधायकों की समिति से जांच करानी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाएं, यह बड़ी अनियमितताओं से जुड़ा मामला है। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि अगर हर मामले की जांच में विधायकों को शामिल किया गया तो जितने विधायक हैं सभी को किसी न किसी जांच में फिट करना पड़ेगा और वे दूसरा काम नहीं कर पाएंगे।
विपक्ष का मिला साथ
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मामला गंभीर है उस व्यक्ति के ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप है। कांग्रेस के लाखन सिंह यादव ने कहा कि सदस्य काफी वरिष्ठ हैं, वे मंत्री भी रह चुके हैं अगर कह रहे हैं तो उनकी मांग मान लेनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि नौकरशाही एक तरफा कार्यवाही कर रही है, आप चाहते हैं कि सच्चाई उजागर हो तो समिति में एक विधायक को रखने में दिक्कत क्या है । इस पर संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भाऊ जिस अधिकारी से कहेंगे उससे जांच करा ली जाएगी। इस पर बिसेन ने फिर कहा कि मैं नहीं रहना चाहता पर समिति में एक विधायक को रखा जाए, यशपाल सिंह सिसोदिया को रख दीजिए और सचिव को । संसदीय कार्यमंत्री ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि जांच में विधायक को रख दिया जाएगा। इस मामले में कुछ और विधायक भी बोलने को खड़े हुए पर अध्यक्ष ने उन्हें रोकते हुए प्रश्नकाल आगे बढ़ा दिया।
अपने ही विधायक पहले भी साध चुके है निशाना
बजट सत्र में भाजपा के कई विधायक भी अपनी ही सरकार पर निशाना साध चुके हैं। मौका मिलते ही भाजपा विधायक अपनी सरकार को घेरने में पीछे नहीं रह रहे हैं। इसकी वजह से कई बार सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा है।
लव जिहाद में इंदौर टॉप पर, दो साल में 16 मामले
प्रदेश के चार बड़े शहरों में इंदौर में लव जिहाद के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इंदौर शहर में दो साल में लव जिहाद के कुल 16 प्रकरण दर्ज किए गए। वर्ष 2021 में 6 प्रकरण और 2022 में 10 प्रकरण दर्ज हुए। इन 16 प्रकरणों में कुल 29 आरोपी गिरफ्तार किए गए। इनमें से 19 को जेल भेजा गया और 16 के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। यह जानकारी कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया के सवाल के लिखित जवाब में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में दी। बताया गया कि भोपाल में वर्ष 2021 में लव जिहाद के 6 प्रकरण और 2022 में 2 प्रकरण दर्ज किए गए। इन दो वर्षों में दर्ज 8 प्रकरणों में कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 12 को जेल भेजा गया। सात आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया गया। ग्वालियर में वर्ष 2021 में लव जिहाद का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया।