- हितग्राहियों के खातों में अब तक नहीं पहुंची सहायता राशि
- विनोद उपाध्याय
संबल 2.0 योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। दरअसल, मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) के अफसरों ने योजना के हितग्राहियों के 32 करोड़ रुपए एक अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिया। इस कारण हितग्राहियों के खाते में अब तक राशि नहीं पहुंच पाई है। इससे हितग्राहियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। उधर, एमपीएसईडीसी के डिप्टी डायरेक्टर विनय पांडे का कहना है कि संबल से जुड़े भुगतान की प्रक्रिया को मजबूत करने के उद्देश्य से कुछ हितग्राहियों को आधार बेस पेमेंट करने के लिए सिलेक्ट किया था। राशि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया के दौरान कई ट्रांसजेक्शन फेल होने लगे। इसी को देखते हुए अपने ही एक कर्मचारी के बैंक खाते को टेस्टिंग के रूप में उपयोग किया, लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिली। जिसके बाद गलत भुगतान वाली पूरी राशि बैंक की मदद से उसी दिन वापस आ गई थी। उस वक्त सभी भुगतान रोक दिए थे। वर्तमान में सभी हितग्राहियों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया जारी है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना संबल 2.0 में हितग्राहियों के भुगतान के दौरान बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। मप्र श्रम विभाग द्वारा संचालित इस योजना के लिए पंजीयन, भुगतान सहित अन्य तरह की सेवाओं के लिए मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) द्वारा पोर्टल चलाया जा रहा है। बीते महीने इसी पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों के भुगतान किए जा रहे थे। इसी दौरान भुगतान अचानक से एक के बाद एक फेल होने लगे। तभी एक अनजान खाते में एमपीएसईडीसी के अफसरों ने श्रमिकों के 32 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। गड़बड़ी नजर आने पर विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन में बैंक से संपर्क कर राशि तो वापस करवा ली, लेकिन असल हितग्राहियों के खातों में तो करीब एक माह बाद भी सहायता राशि ट्रांसफर नहीं हो पाई है।
गड़बड़ी की चल रही है पड़ताल
32 करोड़ के गलत भुगतान के लिए श्रम विभाग में संबल से जुड़े अधिकारियों ने एमपीएसईडीसी को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि पहली बार ट्रायल के रूप में आधार बेस पेमेंट किए जा रहे थे। इसी दौरान टैस्टिंग में एरर आ गया और पेमेंट फेल होने लगे। श्रम विभाग ने इस गड़बड़ी गड़बड़ी के संबंध में एमपीएसईडीसी के अफसरों से रिपोर्ट मांगी है। इसी के चलते अभी पूरी गड़बड़ी की जांच भी की जा रही है। मजेदार बात यह है कि श्रम विभाग के अधिकारी अब तक यह बताने की स्थिति में नहीं है कि गड़बड़ी के दौरान 30 हजार 551 हितग्राहियों में कितनों के खातों में राशि ट्रांसफर हुईं और कितने अभी भी इंतजार में हैं। संबल से जुड़े भुगतान वाले हितग्राहियों की सूची में भोपाल जिले के भी हितग्राही शामिल थे। इनमें नगर निगम सीमा के करीब 60 हितग्राही को सहायता राशि प्राप्त होनी थी। डीबी स्टार ने इनके संबंध में योजना शाखा के अफसरों से जानकारी जुटाई तो उनका कहना था कि विभागीय अधिकारियों ने उन्हें राशि ट्रांसफर के सबंध में हितग्राहियों की जानकारी तो बताई, लेकिन उनके खातों में राशि ट्रांसफर हुई या नहीं यह अब तक किसी ने नहीं बताया है। यानी बड़ी संख्या में हितग्राही अब भी सहायता राशि के इंतजार में बैठे हुए हैं।
एक कर्मचारी के खाते में पहुंच गए 32 करोड़
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरा घटनाक्रम 10 मार्च को सीएम के सिंगल क्लिक से 30 हजार 551 हितग्राहियों के खातों में 678 करोड़ की सहायता राशि ट्रांसफर किए जाने के दौरान का बताया जा रहा है। सिंगल क्लिक के दौरान जिन खातों में सहायता राशि ट्रांसफर होनी थी, उनमें भी अधिकांश फेल हो गए थे। ऐसा आखिर क्यों हुआ? जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि एमपीएसईडीसी के अफसरों ने भुगतान प्रक्रिया मजबूत करने के उद्देश्य से कुछ बदलाव किए थे, जिसके तहत करीब 1500 हितग्राहियों को डीबीटी के माध्यम से आधार बेस पेमेंट करने के लिए चुना गया था, लेकिन एक में भी भुगतान नहीं हुआ। इस दौरान मौजूद तकनीकी टीम ने पाया कि एक ही खाते में करीब 32 करोड़ रुपए ट्रांसफर हो गए। गलत खाते में ट्रांसफर हुई राशि के संबंध में अब एमपीएसईडीसी के अफसर तर्क दे रहे हैं कि जिस खाते में गलत भुगतान हुआ था, वह उन्हीं के एक कर्मचारी का था, जिसे टेस्टिंग के रूप में उपयोग किया गया था, लेकिन जब हमें गलत पेमेंट होती दिखी तो सभी का भुगतान तुरंत ही रुकवा दिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि उस वक्त जिनके भुगतान रोक दिए गए थे, उनके खातों में राशि ट्रांसफर किए जाने की प्रक्रिया भी जारी है।