इस महीने 3 फीसदी एडजस्टमेंट सरचार्ज का लगेगा करंट

करंट

हर महीने अलग-अलग सरचार्ज वसूल रही बिजली कंपनी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र भले ही बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है, लेकिन यहां के उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का लगातार करंट लग रहा है। स्थिति यह है कि एक तरफ जहां सरकार बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली 100 रुपए में दे रही है, वहीं अधिकांश उपभोक्ताओं से फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) वसूला जा रहा है। इस बार बिजली कंपनी ने 3 फीसदी एडजस्टमेंट सरचार्ज लगाया है। अगले महीने प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के बिल में एफपीपीएएस 3 फीसदी जुडक़र  आएगा।  गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फ्यूल एंड पॉवर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज की गणना करने के अधिकार बिजली कंपनियों को दिए हैं। पिछले साल अप्रैल से इसकी शुरुआत बिजली कंपनियों ने की है। इसके चलते हर महीने बिजली कंपनियां एडजस्टमेंट सरचार्ज लगाती हैं।
हर महीने की 24 तारीख को सरचार्ज की गणना होती है। यह सरचार्ज अगले महीने की 23 तारीख तक लागू रहता है। इसके बाद नया सरचार्ज आ जाता है। प्रदेश की बिजली कंपनियां एफपीपीएएस की गणना हर महीने कर रही हैं। हर महीने अलग-अलग सरचार्ज वसूला जा रहा है। इससे बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल बढ़कर आ रहा है। इस बार बिजली कंपनी ने 3 फीसदी एडजस्टमेंट सरचार्ज लगाया है। अगले महीने प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के बिल में एफपीपीएएस 3 फीसदी जुडक़र  आएगा।
चुनाव के कारण नहीं लगा था सरचार्ज
 गौरतलब है कि पिछले साल जब अप्रैल में इसकी शुरुआत हुई थी, तब बिजली कंपनियों ने 5 फीसदी सरचार्ज लगाया था। इसके बाद पिछले साल मई में बिजली कंपनियों ने 8.41 फीसदी सरचार्ज वसूल किया था। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान बिजली कंपनियों को घाटा नहीं हुआ था। इस दौरान सरचार्ज नहीं वसूला गया। हर महीने अलग-अलग सरचार्ज की वसूली की जा रही है। इस साल जून में एक उपभोक्ता ने 233 यूनिट बिजली जलाई। एनर्जी चार्ज 1276.31 रुपए आया और सरचार्ज 61.44 रुपए बना है। हालांकि बिजली कंपनियों ने इस साल जनवरी, फरवरी, मार्च में सरचार्ज नहीं वसूला था। बिजली कंपनियों द्वारा एफपीपीएएस के अलावा फिक्स चार्ज इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी भी वसूली जाती है। इससे बिजली बिल बढक़र आता है। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 5 यूनिट या महीने में 150 यूनिट तक बिजली खपत पर सब्सिडी का फायदा मिल जाता है। अगर बिजली खपत 150 यूनिट से एक यूनिट भी बढ़ जाती है, तो बिजली बिल पर तय टैरिफ देना पड़ता है। इससे बिजली बढ़ जाता है। एक बिजली उपभोक्ता ने एक महीने में 156 यूनिट बिजली जलाई तो उसका बिजली बिल 1115 रुपए आया। वहीं उसी उपभोक्ता ने एक महीने में 118 यूनिट बिजली जलाई तो उसका बिजली बिल 599 रुपए आया। दरअसल उसे 100 यूनिट बिजली 100 रुपए में मिली और 18 यूनिट बिजली का का टैरिफ देना पड़ा। इस तरह से बिजली उपभोक्ता को 549 रुपए की सरकार से सब्सिडी मिल गई। इससे बिजली बिल कम आया।

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