- गोलमाल है सब गोलमाल…
भोपाल/खबर सबकी डॉट कॉम। मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में सब गोलमाल चल रहा है। यहां सचिवालय को चलाने वाले अफसर या रिटायर हो चुके हैं या रिटायर होने वाले या फिर कांट्रेक्ट नियुक्ति पर हैं या डेपुटेशन आए हुए हैं। हालात यह है कि अब सात दिन बाद प्रमुख सचिव भी रिटायर होने वाले हैं और कहा जा रहा है कि कोई विकल्प नहीं है तो उन्हें भी सेवावृद्धि दी जा रही है। है न सब गोलमाल। मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में इन दिनों प्रथम श्रेणी अफसरों में से अधिकांश बुजुर्ग या डेपुटेशन वाले अधिकारी हैं। प्रमुख सचिव से लेकर अवर सचिव तक के अधिकारियों के पदों पर हालात कुछ ऐसे ही हैं। आने वाले 31 मार्च को सचिवालय के मुखिया अवधेश प्रताप सिंह का रिटायरमेंट है और उनके साथ कुछ अन्य अधिकारी भी अपना कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। प्रमुख सचिव पद के लिए बीते करीब एक दशक में किसी अधिकारी को उनके विकल्प के रूप में तैयार नहीं किया जा सका है। अब तक विधानसभा के इतिहास में राष्ट्रपति शासन के दौरान 90 के दशक में सचिव विश्वेंद्र मेहता को सेवावृद्धि दी गई थी लेकिन वे अपना बढ़ा हुआ कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे और सेवा छोड़ दी थी। अब प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह को रिटायरमेंट के बाद सेवावृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
विधानसभा के प्रथम श्रेणी अफसरों को जानें
सचिव: दो स्वीकृत पद मगर एक रिक्त और एक संविदा नियुक्ति से भरा गया।
शिशिर कांत चौबे न्यायिक सेवा से रिटायर हुए और जुलाई 2020 में उन्हें विधानसभा सचिवालय में सचिव के दो में से एक पद पर संविदा नियुक्ति दे दी गई थी। उनका जन्म एक अक्टूबर 1956 को हुआ था तो उन्हें 65 साल की उम्र तक संविदा नियुक्ति दी जाना थी लेकिन, आज 67 साल की उम्र में भी वे संविदा नियुक्ति में हैं।
अपर सचिव: चार पद लेकिन एक रिक्त, एक नियमित अधिकारी तो एक प्रभार में और एक पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ। वीरेंद्र कुमार सिंह वित्त विभाग से विधानसभा सचिवालय में अपर सचिव के रूप में आए थे और जुलाई 2016 से उनकी सेवा विधानसभा सचिवालय में मर्ज कर ली गई। दूसरे अपर सचिव बीडी सिंह प्रभार में हैं, तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार शर्मा को विधानसभा सचिवालय में अपर सचिव की प्रतिनियुक्ति दी गई है।
उप सचिव: दस पद जिनमें से पांच नियमित और दो प्रतिनियुक्ति के अधिकारी से भरे। एक सेवावृद्धि और दो प्रभार पर काम कर रहे। पुनीत श्रीवास्तव, एसएस राजपाल, मनोज सक्सेना, रेखा माथुर और मंजू गजभिये नियमित उप सचिव रैंक की अधिकारी हैं। वहीं, भारत सरकार में डिफेंस से प्रतिनियुक्ति पर आए सुरक्षा संचालक परीक्षित सिंह व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद से आए संजय सेम्युअल भी उप सचिव के रूप में काम कर रहे हैं। इनके अलावा केएल दलवानी सेवावृद्धि पर प्रभार के रूप में काम कर रहे हैं और 31 मार्च को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। सौकीलाल प्रजापति व रमेश महाजन प्रभार में उप सचिव पद संभाल रहे हैं।
अवर सचिव: 14 अधिकारी, जिनमें से पांच नियमित अधिकारी हैं तो तीन सेवावृद्धि वाले अफसर हैं। इनमें से दो का कार्यकाल 31 मार्च को पूरा हो रहा है। तीन नियमित अधिकारी प्रभार में हैं तो दो रेलवे से आए अधिकारी नियमित रूप से अवर सचिव का काम देख रहे हैं।
अवर सचिव नियमित अधिकारियों में मुकेश मिश्रा, एमएल मनवानी, राजेंद्र वर्मा, विशंभरदयाल गोयल, हरीश श्रीवास, एसएन इकबाल, अमित अवस्थी, अर्चना सिंह हैं तो प्रभार के तौर पर काम देखने वाले अफसरों में नरेंद्र मिश्रा, रिमझिम मोंगिया, संतोष कुमार शर्मा हैं। वहीं सेवावृद्धि वाले अवर सचिव में रमेश कुमार रूपला, एसएन गौरव रमेश यादव हैं।