- अफसरों ने मनमर्जी से चलवाई हैं कुछ ट्रेनें
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। रानी कमलापति और भोपाल रेलवे स्टेशन से चलने वाली रेलवे की तमाम लग्जरी ट्रेनें यात्रियों को पसंद नहीं आ रही हैं। यही वजह है कि इस तरह की ट्रेनों की अधिकांश सीटें खाली ही रह रही हैं। इसकी वजह से इन ट्रेनों के संचालन में रेलवे प्रशासन को हर दिन बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल यात्रियों की बेरुखी की वजह है, इन ट्रेनों का मंहगा किराया और अफसरों द्वारा यात्रियों की सुविधा की जगह अपने मनमर्जी के समय पर इनका संचालन करना। इसकी वजह से ही भोपाल के दोनों रेलवे स्टेशनों से चलने वाली शताब्दी, जनशताब्दी और वंदे भारत जैसी लग्जरी रेलगाडिय़ों को खाली सीटों के साथ ही चलना पड़ रहा है। इसके उलट जिन ट्रेनों का इनकी अपेक्षा किराया कम है, उनमें जगह नहीं मिल रही है। उधर, बीते एक माह से लगातार भोपाल मंडल की कई ट्रेनों के अचानक डायवर्ट एवं निरस्त होने का क्रम चल रहा है जिससे भी रेलवे का राजस्व घाटा बढ़ता ही जा रहा है। सुपर फास्ट ट्रेन में जितना एसी प्रथम श्रेणी का किराया होता है ,उससे अधिक रेलवे द्वारा विस्टा डोम और वंदे भारत का किराया वसूला जा रहा है। यही नहीं समान्य टे्रने से गतंव्य तक पहुंचने में जितना समय लगता है, उससे 13 से लेकर आधा घंटा का ही कम समय लग्जरी ट्रेनों में लगता है, ऐसे में सामान्य यात्री दोगंने से अधिक किराया क्यों देगा। यह बात रेलवे अफसरों को समझ ही नहीं आ रही है।
आठ गुना महंगा टिकट
वंदे भारत में यात्री संख्या का आंकलन कर नया किराया चार्ट अब तक जारी नहीं किया गया है। इसकी वजह से प्रीमियम ट्रेनों का किराया कम नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से यात्री इन रेलगाडिय़ों में सफर करने में कोई रुचि ही नहीं ले रहे हैं। इन मंहगे किराए वाली ट्रेनों में या तो बड़े लोग सफर कर रहे है या फिर जिसकी मजबूरी है , वही सफर करता है। अगर वंदे भारत का किराया देखा जाए तो भोपाल से जबलपुर का किराया सामान्य एसी चेयर कार का 955 रुपए है और एग्जिक्युटिव चेयर कार का किराया 1790 रुपए है। इसके उलट अगर सुपर फास्ट टे्रन का किराया देखें तो, स्लीपर का 255, थर्ड एसी का 645, एसी सेकेंड का 895 और एसी फस्ट का किराया 1485 रुपए है। इसके अलावा इन टे्रनों में यात्री लेट भी सकता है, क्योंकि इनमें बर्थ की सुविधा रहती है, जबकि वंदे भारत और शताब्दी जैसी ट्रेनों में अधिक किराया देने के बाद भी बैठ कर ही सफर करना पड़ता है।
वंदे भारत में यात्री संख्या का आंकलन कर नया किराया चार्ट अब तक जारी नहीं किया गया है। इसकी वजह से प्रीमियम ट्रेनों का किराया कम नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से यात्री इन रेलगाडिय़ों में सफर करने में कोई रुचि ही नहीं ले रहे हैं। इन मंहगे किराए वाली ट्रेनों में या तो बड़े लोग सफर कर रहे है या फिर जिसकी मजबूरी है , वही सफर करता है। अगर वंदे भारत का किराया देखा जाए तो भोपाल से जबलपुर का किराया सामान्य एसी चेयर कार का 955 रुपए है और एग्जिक्युटिव चेयर कार का किराया 1790 रुपए है। इसके उलट अगर सुपर फास्ट टे्रन का किराया देखें तो, स्लीपर का 255, थर्ड एसी का 645, एसी सेकेंड का 895 और एसी फस्ट का किराया 1485 रुपए है। इसके अलावा इन टे्रनों में यात्री लेट भी सकता है, क्योंकि इनमें बर्थ की सुविधा रहती है, जबकि वंदे भारत और शताब्दी जैसी ट्रेनों में अधिक किराया देने के बाद भी बैठ कर ही सफर करना पड़ता है।