मप्र में चलाई जाएगी 1500 नई ई-बसें

ई-बसें

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। शहरी लोक परिवहन के तहत  मध्य प्रदेश में 1500 बसों का संचालन शहरी मार्गों पर किया जाएगा। प्रदेश के 3 शहरों भोपाल, इंदौर और जबलपुर में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए 217 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। यह जानकारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दी। मंत्री के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (ईवी) को प्रमोट करने के लिए भोपाल समेत 3 बड़े शहरों में ई-चार्जिंग स्टेशन की संख्या 10 गुना से ज्यादा बढ़ाने की तैयारी है। भोपाल में अभी 5 ई-चार्जिंग स्टेशन हैं, जिसे 63 किया जाएगा। इंदौर में 7 है, जिसे 123 किया जा रहा है। जबलपुर में भी 31 नए चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। नगरीय विकास एवं आवास विभाग कोशिश कर रहा है कि इसी वित्तीय वर्ष में यह व्यवस्था हो जाए। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि भोपाल और इंदौर में ईवी की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
इंट्रा सिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा
भोपाल-इंदौर और जबलपुर में इंट्रा सिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा दिया जाएगा। नई 321 बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 151 भोपाल में, 115 इंदौर में और 55 बसों का संचालन जबलपुर में होगा। इससे स्थानीय यातायात के दबाव को बेहतर करने में मदद मिलेगी। विभागीय मंत्री के अनुसार ई-चार्जिंग स्टेशन के लिए नेशनल थर्मल पॉवर स्टेशन (एनटीपीसी) और आरईएलएल से विभाग ने एग्रीमेंट कर लिया है। चार्जिंग स्टेशन का पहला लक्ष्य पूरा करने के बाद बाकी बड़े शहरों में इसका विस्तार होगा। खासतौर पर ग्वालियर, रीवा और उज्जैन जैसे शहर।
बड़े शहरों में होगा विस्तार
लक्ष्य पूरा करने के बाद बाकी बड़े शहरों में इसका विस्तार होगा।  मंत्री सिंह ने बताया कि स्टेट वॉटर एक्शन प्लान भी तैयार हो चुका है। पेयजल के ज्यादातर कामों को भारत सरकार की अपेक्स कमेटी ने मंजूरी दे दी है। मप्र की अर्बन डेवलपमेंट कंपनी सीवेज और पेयजल पर काम कर रही है। विभाग का दावा है कि पहली अमृत योजना में 212 प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे, जिसमें 170 पूरे हो गए हैं।
बड़े शहरों के नजदीक अब नए शहर बसेंगे
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में बढ़ती आबादी का दबाव कम करने के लिए अब राज्य सरकार बड़े शहरों के नजदीक नए शहर बसाएगी। इसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। भोपाल-इंदौर जैसे बड़े शहरों के नजदीक नए शहर बसाने से सुनियोजित विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसकी शुरूआत प्रदेश के चार प्रमुख महानगरों से करने की योजना है। सरकार के इस प्रयोग से महानगरों का भू-क्षेत्र का दायरा बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की डबल इंजन की सरकार तेजी से विकास कर रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग राष्ट्रीय स्तर पर लगातार अवार्ड पा रहा है। उन्होंने कहा कि अब हमारा लक्ष्य अमृत मिशन -2.0 शुरू करेंगे। इसके लिए 12 हजार 858.71 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। अवैध डेयरी शहरी क्षेत्र से बाहर की जाएगी। अवैध कब्जाधारियों और माफियाओं से मुक्त कराई गई 21 हजार एकड़ भूमि पर वृद्धाश्रम, स्कूल और गरीब वर्ग के लिए मकान बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देश भर में इन्वेस्टर्स को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे है, हमारा प्रयास होगा कि शहरी विकास में भी निवेशक आगे आए और निवेश करें। स्वच्छ भारत मिशन-2.0 के माध्यम से सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए आगामी पांच वर्षों में 4 हजार 913.74 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

Related Articles