भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
मप्र ऐसा राज्य वन चुका है, जहां पर वन अपराधी पूरी तरह से बेखौफ बने हुए हैं जिसकी वजह से हर साल वनों की बड़े पैमाने पर अवैध रुप से कटाई जारी रहती है। अगर चुनावी साल हो तो फिर वनों की शामत ही आ जाती है। अगर अपराधियों की बात की जाए तो ऐसे वन अपराधियों की संख्या हजारों में है, जो न तो विभाग से डरते हैं और न ही कानूनी कार्रवाई से। इसका अंदाजा अकेले भोपाल सर्किल से लगाया जा सकता है कि वन अपराधी किस तरह से बेखौफ बने हुए है।
दरअसल अकेले भोपाल सर्किल में ही ऐसे अपराधियों की संख्या करीब डेढ़ सौ है। यह वे अपराधी हैं, जो पकड़े जाने के बाद जमानत पर छूटते ही फिर वन अपराध करने लगते हैं। वन अपराधियों पर कार्रवाई करने के मामले में पुलिस भी सुस्त रहती है। इसकी वजह से ही बुलंद हौसलों के चलते यह वन अपराधी वन महकमे के कर्मचारियों पर हमले करने में पीछे नहीं रहते हैं। अब ऐसे अपराधियों की वन विभाग द्वारा एक सूची भी तैयार की गई है, जो जमानत मिलने के बाद फिर वन अपराध करने लगते हैं। अब ऐसे आरोपियों पर विभाग लगातार निगरानी रखने की योजना पर काम कर रही है। यही नहीं इनसे परेशान वन विभाग ने अब कोर्ट से लंबित मामलों में जल्द सुनवाई करने का आग्रह करने की भी तैयारी शुरु कर दी है। इसका उदाहरण सोहेब कुरैशी है। उसके द्वारा बैरसिया में काले हिरण का शिकार किया गया। उसके बाद नीलगाय का शिकार किया। इसके ऊपर नरसिंहगढ़ और नटेरी में वन अपराध करने के कई मामले दर्ज है। अकेले भोपाल में ही इस तरह के आरोपी एक या दो नहीं बल्कि 38 हैं। वहीं, भोपाल फॉरेस्ट सर्किल में इस तरह के 150 से अधिक आरोपी है। जिन्होंने एक से अधिक बार वन अपराध किए हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने भोपाल सहित प्रदेश के सभी 63 वन डिवीजन को वन अपराध के मामलों में कोर्ट से सजा दिलाए जाने की खातिर जरूरी वैधानिक कार्यवाही करने को कहा है। पिछले पांच साल में भोपाल वन मंडल के 195 और भोपाल फॉरेस्ट सर्किल के 869 वन अपराध के मामले कोर्ट में लंबित है। कुछ मामलों के आरोपी जमानत पर चल रहे हैं। हालात यह हैं कि बाघ, तेंदुआ और अन्य वन्य प्राणियों के शिकार के मामले में वन विभाग को कोर्ट से तारीख पर तारीख मिल रही है। कई मामले 10 साल तक पुराने हैं। इसकी वजह से अपराधियों में खौफ समाप्त हो चुका है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देश के बाद मप्र वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने राज्य स्तरीय एसटीएफ वाइल्ड विंग का गठन कर दिया है। लेकिन जिला स्तर पर अभी तक इसका गठन नहीं किया है।
वन अमले पर हो चुका हमला
नीलगाय का शिकार करके लौट रहे 8 शिकारियों को जब वन अमले ने सूखी सेवनिया में रोका तो उनके ऊपर शिकारियों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस मामले में सात आरोपी पकड़े गए, लेकिन एक आरोपी अभी भी फरार है। यह मामला 3 फरवरी 2021 का है। इस मामले में वन विभाग ने चालान पेश कर दिया है, लेकिन मामला कोर्ट में है। भोपाल फॉरेस्ट सर्किल और वन मंडल में भी लगातार वन्य प्राणियों का शिकार हो रहा है। वर्ष 2021-22 में शिकार के 40 मामलों में चालान पेश हुआ है। आरोपी जमानत पर रिहा है। जिसमें 18 मामले काले हिरण के शिकार के हैं।
29/03/2023
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