
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मैदानी स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना का काम देखने वाले अफसरों की अरुचि और लापरवाही योजना पर भारी पड़ रही है। यही वजह है कि प्रदेश में 90 हजार से अधिक आवास आधे-अधूरे पड़े हुए हैं। हालत यह है कि इस मामले में योजना के क्रियान्वयन में चौदह जिलों में तो काम महज दिखावे के लिए ही किया गया है, जिसकी वजह से उनका नाम फिसड्डी रहने वाले जिलों में शामिल किया गया है। यह वे जिले हैं, जिनमें एक-एक हजार से अधिक आवास अभी भी पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
इसकी वजह से इन आवासों का इंतजार लोगों का पूरा नहीं हो पा रहा है। इस मामले में जहां धार जिले में बेहतर काम हुआ है तो सबसे खराब काम की स्थिति सिंगरौली जिले की बनी हुई है। सिंगरौली जिले में 4 हजार 977 आवास अब भी अपूर्ण है। इसी तरह से दमोह में 4173, बड़वानी में 2991, सतना में 2548, खरगौन में 2397, कटनी -अधूरे पड़े है। यही नहीं इस योजना के तहत अफसर आवासों की स्वीकृति में भी लापरवाही बरत रहे हैं। इसका उदाहरण सिवनी, बड़वानी और खरगौन जिले हैं। इनमें क्रमश:1812, 2400, 2000 आवासों के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए लंबित पड़े हुए हैं। प्रदेश में इस योजना के तहत जिन जिलों में बेहतर काम किया जा रहा है उनमें दस जिले शामिल हैं। इन जिलों में एक दिन में सर्वाधिक आवास बने है। इनमें धार में 121, अलीराजपुर में 116, सागर में 97 आवास बने हैं। दमोह, रायसेन, खरगौन, राजगढ़, डिंडौरी, छतरपुर, टीकमगढ़ का काम भी बेहतर पाया गया है।
यह हैं अपूर्ण आवासों के हाल
तीसरी किस्त का भुगतान करने के बाद भी अभी तक योजना के तहत बनाए जाने वाले आवास पूर्ण होने का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में रतलाम,डिंडौरी, जबलपुर, सतना और अनूपपुर जिलों में काम की रफ्तार बेहद धीमी है। इस मामले में हालत यह है कि प्रदेश में बीते वर्ष 20-21 के 40609 और इसके पूर्व की सालों के 50146 आवास आधे अधूरे पड़े हुए हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अब भी 90755 हितग्राहियों के पीएम आवास की तीसरी किश्त मिलने के बाद भी आधे अधूरे पड़े हुए हैं। खास बात यह है कि नियमानुसार तीसरी किस्त मिलने के 45 दिन बाद इनका काम पूरा हो जाना चाहिए। प्रदेश में इसके अलावा कई ऐसे जिलें हैं जहां पहली और दूसरी किस्त जारी होने के 45 दिन निकलने के बाद भी अगली किस्त जारी नहीं की गई है , जिसकी वजह से आवासों का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इनमें सिंगरौली, दमोह, बड़वानी,सिवनी, सतना, खरगौन, कटनी, झाबुआ, रायसेन,मंडला, अनूपपुर, जबलपुर, अलीराजपुर, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया, राजगढ़, राजगढ़, शिवपुरी, बैतूल, नरसिंहपुर, पन्ना, दतिया, सीहोर, डिंडौरी, रतलाम, छिंदवाड़ा,देवास, विदिशा, शहडोल, धार, रीवा, बालाघाट, शाजापुर, छतरपुर, भोपाल, गुना और सागर शामिल है। अब इन सभी जिलों के संबंधित अफसरों को एक सप्ताह में अगली किस्तें अनिवार्य रूप से जारी करने के निर्देश दिए गए है।