10 हजार किसानों को एक साल करना होगा सोलर पंप का इंतजार

सोलर पंप

– तीन साल बाद भी नहीं मिल पा रहा कुसुम योजना का लाभ

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी /बिच्छू डॉट कॉम। तीन साल पहले केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई कुसुम योजना प्रदेश में परवान नहीं चढ़ पा रही है। इसकी वजह है इस योजना के लिए र्प्याप्त राशि का इंतजाम नहीं होना। इसकी वजह से वे किसान परेशान बने हुए हैं , जिनके द्वारा इस योजना के लिए आवेदन करने के बाद दस फीसदी राशि जमा कराई जा चुकी है।
हालत यह है कि प्रदेश में करीब दस हजार किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए अभी अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। इसकी वजह से इस योजना का उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। अगर सरकारी आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में बीते तीन सालों में 14 हजार किसानों ने सोलर पंप लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया और सात करोड़ रुपए भी जमा करा दिए। फिर भी इन किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह है ऊर्जा विकास निगम के पास महज 36 करोड़ रुए का ही बजट होना। इतनी राशि से महज 3500 किसानों को ही सोलर पंप की सुविधा मिल सकती है। ऐसे में शेष 10500 किसानों को अगले एक साल का इंतजार करना मजबूरी है। इसकी वजह है कि अब इसके लिए बजट अगले साल मिलना ही संभव दिख रहा है। प्रत्येक रजिस्टर्ड किसान के खेत में सोलर पंप लगाने के लिए  110 करोड़ रुपए के बजट की जरुरत है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना को केंद्र सरकार द्वारा शुरू करने के पीछे किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा देना है। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य किसानों की पानी व कोयले से बनने वाली बिजली के अलावा डीजल पर  निर्भरता कम कर सौर ऊर्जा से सिचाई की सुविधा देना है। जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके और पर्यावरण प्रदूषण में भी राहत मिल सके।
दो साल में नहीं दिए सोलर पंप
कोरोना के कारण वर्ष 2020-21 और 2021-22 में सोलर पंप के लिए बजट ही नहीं दिया गया था। इसकी वजह से इन दो साल में किसानों को एक भी सोलर पंप ही नहीं दिया जा सका। अभी तक प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा किसान सोलर पंप के लिए 5-5 हजार रुपए की रजिस्ट्रेशन राशि जमा करा चुके हैं। आवेदन देने के बाद अब यह किसान इस पंप के लिए चक्कर काट रहे हैं। उधर इस मामले में ऊर्जा विकास निगम का कहना है कि प्रदेश में साढ़े तीन हजार किसानों को सोलर पंप जल्द मिल जाएंगे। 14 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके लिए शासन से बजट मांगा गया है। यह राशि मिलते ही सभी किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाए जाएंगे।
केंद्र-राज्य से संयुक्त रुप से मिलता है अनुदान
केंद्र और राज्य के संयुक्त अनुदान वाली कुसुम योजना में राज्य सरकार ने इस साल के बजट में 36 करोड़ का प्रावधान किया हुआ है। योजना में सोलर पंप के लिए केंद्र और राज्य दोनों मिलाकर 60 प्रतिशत सब्सिडी देते है, जबकि 40 प्रतिशत राशि किसान को देना पड़ती है। योजना में 5 हॉर्स पावर का सोलर पंप ढाई लाख रुपए का पड़ता है। इसमें से केंद्र व राज्य द्वारा एक लाख चालीस हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

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