- नौ नवंबर को होगा मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन
भोपाल/विनोद उपाध्याय /बिच्छू डॉट कॉम। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में नौ नवंबर को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होने के साथ नाम जोड़ऩे, हटाने और संशोधन का काम प्रारंभ जाएगा। इसकी निगरानी के लिए पहली बार पांच से अधिक जिले वाले इंदौर, जबलपुर, सागर और उज्जैन संभाग में दो-दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इन्हें मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा करके तीन बार रिपोर्ट देनी होगी। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पांच जनवरी, 2023 को किया जाएगा। यह व्यवस्था निकाय चुनावों में सामनले आयी अव्यवस्था की वजह से बनायी गई है
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के मुताबिक पुनरीक्षण कार्य की निगरानी के लिए संभागायुक्तों को पर्यवेक्षक बनाया गया है। निर्वाचन आयोग ने पांच से अधिक जिले वाले संभागों में दो अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। इंदौर में संभागायुक्त डा.पवन कुमार शर्मा के अलावा डा.लोकेश कुमार जाटव को भी पर्यवेक्षक बनाया है। उज्जैन में संदीप यादव के साथ शोभित जैन, सागर में मुकेश कुमार शुक्ला के साथ धनंजय सिंह भदौरिया और जबलपुर संभाग में बी.चंद्रशेखर के साथ विवेक कुमार पोरवाल को पर्यवेक्षक बनाया है। चंबल संभाग की जिम्मेदारी डा.ई रमेश कुमार को दी गई है। इसके अलावा अन्य संभागों में संभागायुक्तों को पर्यवेक्षक बनाया है। इन सभी को जिले भी आवंटित कर दिए हैं पर्यवेक्षकों को पहली रिपोर्ट आठ दिसंबर, दूसरी 26 दिसंबर और तीसरी पांच जनवरी को निर्वाचन आयोग के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेजनी होगी।
मच चुका है हो हल्ला
दरअसल कुछ माह पहले प्रदेश में हुए निकाय चुनावों के दौरान मतदाता सूचियों में बड़ी संख्या में लोगों के नाम गायब हो गए थे। यही नहीं कई परिवारों के सदस्यों के नाम अलग-अलग मदतान केन्द्रों पर भी दर्ज कर दिए गए थे। इसकी वजह से लोग अपना नाम खोजते ही रह गए थे और बाद में मतदान करने से वंचित रह गए थे। इसके बाद काफी हो हल्ला मचा था।
सप्ताह में दो दिन घर-घर संपर्क करेंगे बीएलओ
मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के दौरान बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) सप्ताह में पांच दिन मतदान केंद्र और दो दिन (शनिवार और रविवार) घर-घर संपर्क करेंगे। इसमें वे यह पता करेंगे कि कोई पात्र व्यक्ति मतदाता सूची में नाम शामिल करने से वंचित तो नहीं रह गया है। यदि ऐसा कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उससे आवेदन करवाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारी भी जिलों का दौरा करके पुनरीक्षण कार्य को देखेंगे।