लक्षणों का नहीं, बीमारी का इलाज करें: राजीव गाबा

राजीव गाबा

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के सचिवों को नसीहत दी। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे जनता की समस्याओं व शिकायतों की जड़ों तक पहुंचें और उनका निराकरण करें। लक्षणों का नहीं बीमारी का इलाज करें। फाइलों की संख्या देखकर परेशान न हों। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा ‘गुड गवर्नेंस प्रैक्टिसेस’ पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कैबिनेट सचिव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि विशेष स्वच्छता अभियान 2.0 के दौरान जो कुछ किया गया था, उसे नियमित अभ्यास में बदल दिया जाना चाहिए। इसके लिए विशेष अभियान का इंतजार नहीं करना चाहिए। गाबा ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रत्येक कार्यालय में शिशुगृह, जिम और कैफेटेरिया होने चाहिए। उन्हें साफ और आकर्षक रखने के प्रयास किए जाने चाहिए, वातावरण का कार्य कुशलता पर असर पड़ता है। गाबा की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में केंद्र सरकार के कई सचिव मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सुशासन अंततः परिणामों में सुधार और सेवाओं के वितरण में सुधार के बारे में है। यह सार्वजनिक शिकायतों को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए है।

गाबा ने कहा ‘मुझे लगता है कि अधिकारियों को जनता की शिकायतों के मूल कारण को दूर करने के लिए कदम आगे बढ़ाना चाहिए। न केवल लक्षणों का इलाज करें बल्कि बीमारी का इलाज करें।’  कैबिनेट सचिव ने कहा कि अधिकारियों को भारी कामकाज और नियमित फाइलों को देखकर परेशान नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक शिकायतों को हल करने के लिए विभागों और मंत्रालयों के भीतर सामूहिक सोच होना चाहिए। गाबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रियों और सचिवों को अपने सहयोगियों के साथ बैठने पर जोर दिया है। दफ्तर के वातावरण का कार्य कुशलता पर प्रभाव पड़ता है यह कहते हुए गाबा ने सचिवों को अपने कार्यालयों को स्वच्छ और अधिक आकर्षक बनाने की सलाह दी। ई-ऑफिस का जिक्र करते हुए गाबा ने कहा कि इसका उपयोग काफी बढ़ गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि समान कार्य के लिए समानांतर फाइलें नहीं होनी चाहिए। अब, ई-ऑफिस 7.0 के साथ, एनालिटिक्स सहित कई अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध हैं। फरवरी के अंत तक ई-ऑफिस 7.0 का उपयोग शुरू हो जाएगा।  ई-ऑफिस 7.0 यूजर्स को एकाधिक फाइलों को एक साथ देखने, कंप्यूटर स्क्रीन को चार भागों में विभाजित करने और पिछली टिप्पणियों को देखने की सुविधा देगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2047 तक ‘नया भारत’ बनाने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया है। यह केवल सुशासन के माध्यम से ही संभव है। 

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