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बिच्छू डॉट कॉम। जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 23 अगस्त को मिलने वाला है। इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहा है कि हर कोई प्रधानमंत्री या किसी अन्य व्यक्ति से मिलने के लिए आजाद है। बोम्मई ने आगे कहा कि यह मामला कोर्ट के साथ-साथ वर्ग आयोग के सामने लंबित है। हम इसकी जांच कर रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि जातीय जनगणना पर बिहार में सत्ता और विपक्ष साथ हैं। सभी दलों ने सहमति जताई है। मेरे साथ दस पार्टियों के नेता दिल्ली जा रहे हैं। हमलोग अपनी बात ठीक ढंग से प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इसपर सकारात्मक रुख अपनाएंगे। मुख्यमंत्री शनिवार को समस्तीपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से लौटने के क्रम में पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार की शाम वे लोग दिल्ली जाएंगे। 23 अगस्त को 11 बजे दिन में प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय तय है। अगर केन्द्र सरकार जातीय जनगणना के लिये तैयार नहीं हुई तो क्या बिहार सरकार जातीय जनगणना खुद से कराएगी? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो तो हम लोगों ने पहले भी कहा है कि अगर पूरे देश के लिये जातीय जनगणना का निर्णय नहीं होता है, तो इस पर विचार किया जायेगा।