नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि कुछ खतरनाक ताकतें भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। वे भारत का खराब रंग सबको दिखाना चाहती हैं। ऐसे प्रयासों को बेअसर करने के लिए जवाबी हमला जरूरी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि इन खतरनाक ताकतों को मानवाधिकार पर उपदेश और व्याख्यान देना तक पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा, आपात काल और 1984 के सिख दंगे कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो स्वतंत्रता की नाजुकता की याद दिलाती हैं। धनखड़ ने कहा कि कुछ खतरनाक ताकतें हैं, जो गलत तरीके से हमें कलंकित करना चाहती हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों के जरिये हमारे मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाने के लिए भी योजना बनाकर रखी है। ऐसी ताकतों को बेअसर करने की जरूरत है। यह भारत में फिट होने के लिए जवाबी हमले और प्रतिघात करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ताकतों ने सूचकांकों और रैंक के जरिये दुनिया को भारत का खराब रंग दिखाने की कोशिश की है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत सरकार ने कोविड महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को जाति और पंथ की परवाह किए बिना राशन मुहैया कराया, लेकिन फिर भी भूख सूचकांक में भारत की रैंकिंग खराब दिखाई गई।