सांप्रदायिक मामलों के पीड़ितों को मुआवजा देने में हो रहा भेदभाव: सिद्धारमैया 

 सिद्धारमैया 

बेंगलुरु/बिच्छू डॉट कॉम । कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा में शून्यकाल के दौरान मोरल पुलिसिंग के मुद्दे पर चर्चा करते हुए यह आरोप लगाया। कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने चकित होते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ही ‘भड़काऊ बयान’ देंगे तो नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) कैसे रुकेगी। इस दौरान राज्य  के पूर्व सीएम ने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री बोम्मई सांप्रदायिक घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा देने में भी भेदभाव कर रहे हैं।

चर्चा के दौरान कर्नाटक में मोरल पुलिसिंग के बढ़ते मामलों के सांप्रदायिक द्वेष का रूप लेने पर चिंता जाहिर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के तटीय इलाकों में हुई हत्याओं का भी जिक्र किया।  इससे पहले, विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री यू टी खादर ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दक्षिण कन्नड जिले के सुरतकल शहर में शुक्रवार रात 45 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या हुई थी। उस हत्याकांड का संबंध नैतिक पहरेदारी(मोरल पुलिसिंग) से हैं। विधानसभा में मोरल पुलिसिंग की घटनाओं पर चर्चा क दौरान उन्होंने बजरंग दल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि नैतिक पहरेदारी अधिकतर दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल द्वारा की जा रही है। इस दौरान उन्होंने यह दावा भी किया कि जब भी मुख्यमंत्री दक्षिण कन्नड में मंगलुरु जाते हैं उसके बाद वहां हत्या होती है। इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि जब नैतिक पहरेदारी का समर्थन किया जाएगा तो पुलिस और कानून की क्या जरूरत रह जाएगी।  

यह पहली बार नहीं है जब सिद्धारमैया ने नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला हो, इससे पहले हाल ही में उन्होंने कहा था कि दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) को सीएम प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसके कारण यह मंगलुरु शहर और उसके बाहरी इलाकों में बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दक्षिण कन्नड़ में नैतिक पहरेदारी की आठ घटनाएं सामने आई हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा इस तरह के कृत्य की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि नैतिक पहरेदारी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। सिद्दारमैया के आरोपों पर बोम्मई सरकार के मंत्री ने भी पलटवार किया। कर्नाटक के विधि और संसदीय मामलों के मंत्री जे सी मधुस्वामी ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पुलिस मामलों के आधार पर उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करती है। उन्होंने कहा कि जब मुआवजे की बात आती है तो हम अपराधियों को मुआवजा नहीं दे सकते। पीड़ित अलग होता है और अपराधी अलग। अगर कोई पीड़ित है तो सरकार उसे मुआवजा देती है, लेकिन कोई विभिन्न अपराधों में संलिप्त है तो उसे मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर अपराध होगा तो पुलिस कार्रवाई करेगी, हमने कभी किसी नैतिक पहरेदारी का समर्थन नहीं किया है। 

Related Articles