मुंबई /बिच्छू डॉट कॉम। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि बीते साल 2022 ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व को एक नई आभा दी है। अगर यह रुझान 2023 में भी जारी रहता है तो आगामी लोकसभा चुनाव में देश को बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक कॉलम रोकटोक में राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लोगों के बीच नफरत और बंटवारे का बीच नहीं बोना चाहिए। उन्होंने कहा, राम मंदिर का मुद्दा अब सुलझा लिया गया है, इसलिए इस पर अब वोट नहीं मांगा जा सकता। इसलिए लव जिहाद को हथियार बनाया जा रहा है और हिंदुओं के मन में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हिंदुओं को जगाना भाजपा का एजेंडा है, लेकिन इसका मतलब समाज में नफरत और विभाजन पैदा किया जाए।
संजय राउत ने कहा कि श्रद्धा वाकर और तुनिषा शर्मा की मौत लव जिहाद के मामले नहीं थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समुदाय की महिला को अपने ऊपर हो रहे अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। राउत ने कहा, जो कुछ हो रहा है वह सत्ता की राजनीति है। उम्मीद है कि राहुल गांधी की यात्रा सफल होगी और अपने उद्देश्य को हासिल करेगी और 2023 में देश भयमुक्त होगा। राउत ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि हमें संकीर्ण मानसिकता से दूर रहने की जरूरत है, लेकिन तथ्य यह है कि इस तरह का रवैया भाजपा के शासन में बढ़ा है। उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार विपक्षी दलों के अस्तित्व और अधिकारों को स्वीकार नहीं करना चाहती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवई ने केंद्र से मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना बहाल करने की अपील की है। पूर्व राज्यसभा सदस्य दलवई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को इस साल से संशोधित किया गया है और केवल कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए लागू किया गया है, जबकि मौलाना आजाद फेलोशिप योजना को बंद कर दिया गया है।