नई दिल्ली। गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से मोदी सरकार ग्रामीण अर्थतंत्र को नई गति दे रही है। उन्होंने बृहस्पतिवार को आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में सहकार से समृद्धि विषय के अंतर्गत अब तक कवर नहीं किए गए गांवों व पंचायतों में 2 लाख नई एमपीएसीएस, प्राथमिक डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन और सुदृढ़ीकरण, श्वेत क्रांति 2.0 पर मानक संचालन प्रक्रिया और सहकारी समितियों के बीच सहयोग पर एक ‘मार्गदर्शिका’ का भी शुभारंभ किया। शाह ने कहा कि 70 सालों में सरकार की अनदेखी के कारण इस देश में सहकारिता आंदोलन अप्रासंगिक होता जा रहा था।
अमित शाह ने बताया कि सरकार ने सहकारी बैंकों और संस्थानों में सहकारी गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए बैंक खाते खोलने के प्रभाव को देखने के लिए एक प्रयोग किया। उन्होंने बताया, पंचमहल और बनासकांठा जिलों (गुजरात) में, हमने एक अभियान शुरू किया, जिसमें 4,00,000 से अधिक नये सहकारी बैंकों में खाते खोले गए और केवल दो जिलों में 500 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए। इसके अतिरिक्त, 1,732 माइक्रो एटीएम स्थापित किए गए और 20,000 नये क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिससे लगभग 24 लाख डिजिटल लेनदेन हुए।
अमित शाह ने कहा, श्वेत क्रांति 2.0 महिला स्वावलंबन और महिला सशक्तीरण का काम करेगा। उन्होंने कहा कि दूध के उत्पादन और खासकर सहकारी डेयरियों के साथ माताएं-बहनें जुड़ी हुई हैं। माताओं-बहनों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का काम डेयरी क्षेत्र जितना और कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, गुजरात में 36 लाख बहनें डेयरी क्षेत्र से जुड़कर 60,000 करोड़ का व्यापार करती हैं। उन्होंने कहा कि मां का स्वभाव है कि अगर घर में पशुपालन हो रहा है और मां डेयरी के साथ जुड़ी है तो वह अपने बच्चे को निश्चित रूप से पहले कुपोषण से मुक्त करने का काम करेगी। शाह ने कहा, पिछले तीन वर्षों में लगभग 60 नई पहल की गई हैं और पिछले 100 दिनों में हमने जो 10 पहल शुरू की हैं, वे सहकारी क्षेत्र को और अधिक व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्होंने कहा, जब सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई थी, तो इसका उद्देश्य देश भर के हर जिले और गांव में सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करना, उनके कानूनों और संस्कृति को समय के अनुरूप आधुनिक बनाना और उन्हें एक नये ढांचे में आकार देना था। इससे रोजगार के नये अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
अमित शाह ने कहा, अब हमें डेयरी से जुड़ी कोई भी मशीनरी नीदरलैंड से या जापान से लाने की जरूरत नहीं है। इनका शत प्रतिशत उत्पादन भारत में होगा। एक प्रकार से डेयरी क्षेत्र में हम संपूर्ण आत्मनिर्भर होने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़े हैं। शाह ने कहा, दो लाख प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत होते ही देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी, जहां पैक्स, डेयरी या मत्स्य सहकारी समिति ना हो। उन्होंने कहा कि ऐसा होते ही पूरे देश में सहकारिता की पहुंच हो सकेगी, जिससे तहसील और जिले की संस्थाएं बनेंगी और राज्य की संस्थाओं को भी नई ताकत और गति मिलेगी।