नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की ओर से तवांग में अतिक्रमण की कोशिशों के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई की तारीफ की है। फिक्की के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि गलवां हो या तवांग, भारतीय सेना ने हमेशा अपनी बहादुरी साबित की है। उन्होंने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के फर्क को भी चिह्नित किया। कहा कि 1949 में चीन की जीडीपी भारत से भी कम थी, फिर भी 1980 तक भारत विश्व की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वालों देशों में भी शामिल नहीं था। लेकिन उसने जबरदस्त विकास किया। आज भारत भी विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
फेडरेशन ऑफ चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के 95 वें सालाना अधिवेशन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि 2014 में भारत विश्व की नौंवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ विश्व की पांच बड़ी इकानॉमी है। बता दें, चीन अमेरिका के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में देश के पांच संकल्प व्यक्त किए थे, जो कि भारत को सुपर पावर बनाने के लिए आवश्यक हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हम विश्व कल्याण के लिए महाशक्ति बनना चाहते हैं। सिंह ने कहा कि यह नहीं माना जाना चाहिए कि हम किसी देश पर हावी होना चाहते हैं या हम किसी दूसरे की एक इंच जमीन पर भी कब्जा करना चाहते हैं। हम भारतीय संस्कृति में विश्वास करते हैं। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का संदेश भारत ने पूरे विश्व की एकजुटता के लिए दिया है। भारत 2013 के पूर्व तक छाई निराशा से पूरी तरह उबर चुका है। आज भारत विश्व के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है।
वहीं, चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि भारतीय सेना सैन्य आधुनिकीकरण और भारत के विरोधियों की आक्रामक कार्रवाइयों से पैदा होने वाली सभी सैन्य आकस्मिकताओं के लिए तैयार है। साल के आखिर में समीक्षा करते हुए यह भी कहा कि सेना मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों की लगातार निगरानी और समीक्षा कर रही है। साछ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित करने की अपनी तैयारियों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। एलओसी (पाकिस्तान के साथ) की स्थिति का उल्लेख करते हुए, इसने कहा कि पिछले साल फरवरी से भारतीय और पाकिस्तानी दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष विराम की समझ के साथ स्थिति अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रही है।