बीजद को तोड़ने के इरादे से लड़ रही भाजपा: पांडियन

भुवनेश्वर। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। अब बीजद नेता और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी वीके पांडियन ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विपक्षी पार्टी ओडिशा में चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि चुनाव के बाद बीजू जनता दल (बीजद) को तोड़ने के इरादे से लड़ रही है।

नौकरशाह से राजनेता बने पांडियन ने बुधवार को गंजम जिले के गोपालपुर में पत्रकारों से यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘उनके (भाजपा) पास 2014 में 120 विधानसभा सीटें हासिल करने का नारा था, लेकिन वे पूरी तरह असफल रहे। मुझे 2019 के लिए उनका लक्ष्य नहीं पता। लेकिन इस साल वे 50 और 60 सीटें जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव के बाद बीजद को तोड़ने का मकसद है। यह उनकी चुनावी रणनीति है।’

यह दावा करते हुए कि भाजपा ओडिशा में सरकार बनाने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही, पांडियन ने कहा, ‘मैं खुले तौर पर कहता हूं कि यह (बीजद को तोड़ने) उनकी आंतरिक रणनीति है जैसा कि उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में किया है।’ भाजपा की योजना सफल नहीं होने की बात पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के कई लोग राज्य में प्रचार के लिए आ रहे हैं, लेकिन ओडिशा के लोगों को उन पर कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि नवीन बाबू पर लोगों का भरोसा है।

लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य में प्रचार के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के कतार में खड़े होने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा उन्होंने कहा, ‘आप पिछले तीन बार देख चुके हैं कि देशभर से नेता प्रचार के लिए आते हैं। लेकिन लोग उन पर भरोसा नहीं करते। इस बार भी लोग नवीन बाबू को बड़े पैमाने पर आशीर्वाद देंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह पटनायक के छठी बार मुख्यमंत्री बनने को लेकर आश्वस्त हैं, पडियन ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि नवीन बाबू जीतेंगे। अगर मुझे ऐसा विश्वास नहीं होता तो मैं यह नहीं कहता कि नवीन बाबू नौ जून को महाप्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।’

पांडियन ने कहा कि ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों में से 60 पर उनका (भाजपा) कोई उम्मीदवार नहीं है। वे बीजद के उम्मीदवारों की सूची जारी होने का इंतजार कर रहे थे ताकि वे क्षेत्रीय पार्टी द्वारा गिराए गए या खारिज किए गए नेताओं में से उम्मीदवारों को चुन सकें। उन्होंने कहा कि यह ओडिशा में भाजपा की असलियत है। पांडियन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी पर भी बरसे और उन पर श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना (जगन्नाथ मंदिर विरासत गलियारा परियोजना) को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा उड़िया अस्मिता का मुद्दा उठाने के बारे में पूछे जाने पर पांडियन ने कहा कि केंद्र सरकार ने उड़िया भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक रुपया भी नहीं दिया है। हालांकि लोकसभा में भाजपा के आठ सांसद हैं, लेकिन वे सभी पूरी तरह से चुप रहे, जबकि केंद्र अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए धन दे रहा था। बीजद नेता ने कहा, ‘चुनाव के समय में ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उड़िया भाषा के प्रति अपना प्रेम दिखाते हैं और अस्मिता के बारे में बात करते हैं।’

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