बिच्छू डॉट कॉम। पंजाब विधानसभा चुनाव में लगातार बाहरी होने का आरोप झेल रही आम आदमी पार्टी जल्दी ही बड़ा कार्ड चल सकती है। सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी की ओर से सीएम कैंडिडेट के तौर पर भगवंत के नाम का ऐलान किया जा सकता है। यदि ‘आप’ की ओर से सीएम फेस का ऐलान होता है तो वह कांग्रेस, भाजपा गठबंधन को घेरने की स्थिति में होगी, जिनकी ओर से अब तक सीएम फेस का ऐलान नहीं किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बात पर सहमति बनती दिख रही है कि भगवंत मान के नाम का सीएम फेस के तौर पर ऐलान कर दिया जाए। भगवंत मान संगरूर सीट से सांसद हैं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। कांग्रेस पार्टी ने पिछले साल के आखिर में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया है। लेकिन अब तक कांग्रेस यह ऐलान करने से बच रही है कि चुनाव के बाद भी चन्नी ही सीएम होंगे या फिर किसी नए नेता को कमान दी जाएगी। सिद्धू और चन्नी के बीच तमाम मुद्दों को लेकर खींचतान भी देखने को मिल रही है। यहां तक कि सिद्धू ने पिछले दिनों हाईकमान को सलाह देते हुए कहा था कि चुनाव से पहले कांग्रेस को राज्य में सीएम फेस का ऐलान करना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि यदि कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे साफ है कि आम आदमी पार्टी की ओर से चेहरे का ऐलान करने से उसे फायदा होगा और कांग्रेस को घेरने में उसे मदद मिल सकेगी।
सूत्रों का कहना है कि इसका ऐलान मंगलवार को ही किया जा सकता था, लेकिन पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के कोरोना पॉजिटिव होने के चलते इसे टाल दिया गया है। दिसंबर की शुरुआत में भगवंत मान ने दावा किया था कि एक सीनियर भाजपा नेता ने उनसे संपर्क कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने को कहा था और इसके एवज में केंद्रीय मंत्री बनाने का ऑफर दिया था। मान ने गोवा, बंगाल, मध्य प्रदेश का उदाहरण देते हुए भाजपा पर राजनीतिक दलों को तोड़ने का आरोप लगाया था। हालांकि भाजपा ने भगवंत मान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यदि ऐसा है तो वह सार्वजनिक तौर पर उस नेता का नाम उजागर करें, जिसने उन्हें यह ऑफर दिया था। चंडीगढ़ के नगर निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी को 35 में से सबसे ज्यादा 14 सीटें हासिल हुई हैं। इसके साथ ही भाजपा नगर निगम की सत्ता से हट गई है, जिसने पिछले चुनाव में 20 सीटें जीती थीं। इस जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यह तो अभी ट्रेलर ही है। पंजाब के चुनाव में असली फिल्म दिखाई जाएगी। यही नहीं कांग्रेस भी पिछली बार 4 सीटों की बजाय 8 पर जीती है और भाजपा को 20 की बजाय महज 12 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है।