लाड़की बहन योजना के फर्जी लाभार्थियों की जांच की जाएगी: अदिति तटकरे

अदिति तटकरे

मुंबई। महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने गुरुवार को यह घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार केवल फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों का समाधान करेगी। बता दें कि, पिछले साल अगस्त में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की तरफ से शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहन योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाता है। कहा जाता है कि इस योजना ने 20 नवंबर 2024 के चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिया कि योजना के लाभार्थियों की जांच की जाएगी। वहीं इस मामले में मंत्री अदिति तटकरे ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार लाड़की बहन योजना के लाभार्थियों की जांच करने के लिए कोई अभियान नहीं चला रही है। हमने कोई सरकारी नीति नहीं बदली है। हम केवल स्थानीय सरकारी कार्यालयों में दर्ज शिकायतों का समाधान कर रहे हैं।’ इससे पहले उन्होंने कहा था कि योजना के लाभार्थियों के बारे में कोई जांच नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘हमने आयकर विभाग और राज्य परिवहन विभाग से डेटा मांगा है क्योंकि कुछ शिकायतों में ऐसे लाभार्थी शामिल हैं जिनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है या जिनके पास चार पहिया वाहन है। एक बार जब हमें यह डेटा मिल जाएगा, तो हम उन शिकायतों का समाधान कर सकेंगे।’ वहीं जब उनसे पूछा गया कि जांच के बाद 2.5 करोड़ लाभार्थियों में से कितने को योजना से हटाया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘हमारे पास इस बारे में कोई डेटा नहीं है कि कितने लाभार्थियों को योजना से बाहर रखा जाएगा। यह प्रतिशत में भी उपलब्ध नहीं है। हमें इसके बारे में उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ समय चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘हमें आधार मिलान में गड़बड़ी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें कुछ आवेदन कई बार जमा किए गए। फिर एक निवास संबंधी समस्या है, जिसमें महाराष्ट्र के लाभार्थी विवाह के बाद कहीं और चले गए। उदाहरण के लिए, कुछ महिलाएं विवाह के बाद कर्नाटक में स्थानांतरित हो गई हैं।’ उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को लाभार्थियों की तरफ से लाभ का दावा करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करने की रिपोर्ट मिली है।

मंत्री अदिति ने कहा कि कुछ लाभार्थियों ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि वे सरकारी नौकरी पाने के बाद योजना से अपना नाम वापस लेना चाहते हैं। अन्य योजनाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘यदि कोई लाभार्थी किसी अन्य सरकारी योजना से सहायता मांग रहा है, तो हम केवल अंतर मिलान निधि प्रदान करेंगे। उदाहरण के लिए, यदि कोई महिला एक योजना के तहत 1,000 रुपये प्राप्त करती है और फिर लाड़की बहन योजना में नामांकन करती है, तो उसे पूरे 1,500 रुपये के बजाय राज्य सरकार से 500 रुपये मिलेंगे।’ पालघर, यवतमाल, वर्धा और सतारा के फलटन जैसे जिलों से शिकायतें सामने आई हैं, जिसके कारण मंत्रालय ने क्रॉस-सत्यापन प्रक्रिया शुरू की है।

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