नई दिल्ली। देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी दलों पर दोहरा मापदंड अपनाने और बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी की मौत पर पुलिस का मनोबल गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया। पुलिस एनकाउंटर में आरोपी अक्षय शिंदे की मौत की विपक्षी दलों ने निंदा की और एनकाउंटर पर सवाल उठाए। साथ ही पूछा कि क्या एनकाउंटर मामले में सबूत नष्ट करने का कदम है। फडणवीस ने कहा कि विपक्षी दलों के दोहरे मापदंड हैं। वे तेलंगाना में दुष्कर्म और हत्या आरोपी के एनकाउंटर के समर्थन में संपादकीय लिखते हैं लेकिन महाराष्ट्र में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं। ऐसा लगता है कि पुलिस का मनोबल गिराने की कोशिश की जा रही है।
मुंबई में मंत्रालय स्थित उनके केबिन के बाहर एक महिला के हंगामा करने और उनकी नेम प्लेट तोड़ने की घटना पर फडणवीस ने कहा कि यह बृहस्पतिवार को हुआ। हम उसकी शिकायतों को समझने की कोशिश करेंगे। हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि उसे ऐसा करने के लिए किसने प्रेरित किया और उसकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करेंगे। हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि क्या उसे किसी ने भेजा था? महिलाओं के सरकार से नाराज होने के विपक्षी दलों के दावों पर उन्होंने कहा कि विपक्ष निराश है और उसके पास कोई मुद्दा नहीं है।
एनकाउंटर की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। वकील घनश्याम उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया जाए कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान बॉडी कैम का इस्तेमाल करें। इससे जांच एजेंसियों और और पुलिस मशीनरी पर लगातार निगरानी रखी जा सकेगी। याचिकाकर्ता ने आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर मामले में एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने की भी मांग की।