जनगणना प्रश्नावली में अतिरिक्त कॉलम जोड़कर जुटा सकते हैं ओबीसी डाटा: जयराम रमेश

नई दिल्ली। जातिगत जनगणना की मांग कर रही कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का जातिगत डाटा जुटाने को लेकर केंद्र सरकार को सुझाव दिया है। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वह 1951 से जनगणना के जरिये जुटाए जा रहे एससी-एसटी के डाटा की तरह की ओबीसी का डाटा संकलित कर सकती है। इसके लिए सरकार को जनगणना प्रश्नावली में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ना होगा। विपक्षी पार्टी ने कहा कि इस कदम से सक्रिय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ठोस आधार मिलेगा।

कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार ने अगली जनगणना को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। मगर इन दिनों जातिगत जनगणना के लिए डाटा संकलित करने को लेकर चर्चा चल रही है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत में हर 10 साल में जनगणना होती है। मगर 2021 से अब तक जनगणना नहीं हुई है। जनगणना न हो पाने से आर्थिक योजनाओं और सामाजिक न्याय कार्यक्रम के लिए जरूरी डाटा और जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि एक निष्कर्ष के मुताबिक करीब 12 करोड़ से ज्यादा भारतीय ऐसे हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 और पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ पाने से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों से पता चला है कि केंद्र सरकार काफी समय से लंबित जनगणना को कुछ महीनों शुरू करने जा रही है।

जयराम रमेश ने कहा कि 1951 से हर जनगणना में एससी-एसटी का जातिगत डाटा संकलित किया जाता है। जनगणना प्रश्नावली में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर ठीक उसी तरह ओबीसी जनसंख्या भी बिना किसी समस्या के पता की जा सकती है। इससे जातिगत जनगणना की मांग भी पूरी होगी और सकारात्मक कार्यक्रमों के लिए ठोस आधार तैयार होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में निहित संघ सूची में 69 प्रविष्टि के मुताबिक जनगणना कराना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। कांग्रेस नियमित जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना की मांग कर रही है। इससे एससी-एसटी के साथ-साथ ओबीसी वर्ग को भी न्याय मिलेगा।

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