तिरुवनंतपुरम। सीपीआईएम नेता जॉन ब्रिटास द्वारा केरल यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी इस मुद्दे पर सीपीआईएम पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कुछ लोग कानून तोड़ने को अपना अधिकार समझते हैं। राज्यपाल ने ये भी कहा कि वह इस मामले में यूनिवर्सिटी से स्पष्टीकरण की मांग करेंगे।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। विश्वविद्यालय परिसर में चुनाव प्रचार पर पूरी तरह से प्रतिबंध होता है। ऐसे में अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन इस प्रतिबंध को नजरअंदाज करता है और किसी को बैठक करने की अनुमति देता है तो मुझे स्पष्टीकरण मांगना होगा, लेकिन जहां तक मैं जानता हूं तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बैठक करने से इनकार किया था। अब चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। समस्या ये है कि कुछ लोग कानून तोड़ने को अपना अधिकार समझते हैं। कानून तोड़ते हैं और अपना एजेंडा चलाते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि ये सब बंद हो और समझ आए।’
सीपीआईएम नेता जॉन ब्रिटास ने हाल ही में केरल यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित किया गया था। इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है। चुनाव आचार संहिता के नियमों के मुताबिक सरकारी संस्थानों में चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता। वहीं कार्यक्रम का आयोजन करने वाले संघ का कहना है कि यह मासिक कार्यक्रम है और यह सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है। वहीं मामला बढ़ने के बाद चुनाव नोडल अधिकारी ने कार्यक्रम के आयोजकों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में नोडल अधिकारी ने जवाब मांगा है।